छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों द्वारा महंगाई भत्ता व लंबित मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ज्ञापन सौंपा। संघ के तहसील अध्यक्ष बीआर गावड़े व सचिव यूआर देवांगन ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों से आठ प्रतिशत कम महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं। इससे लगातार बढ़ती हुई महंगाई में कर्मचारियों की आवश्यक सामग्रियों की क्रय शक्ति प्रभावित हुई है।
संगठन का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से अनेक अवसरों पर मिल कर कर्मचारियों की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा। विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस के घोषणा पत्र में कर्मचारियों से किए गए वादों को निभाने में भी सरकार टालमटोल कर रही है। इससे प्रदेश के कर्मचारियों में निराशा के साथ भी व्यापक असंतोष व्याप्त है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कर्मचारी संघ के प्रांतीय निकाय के निर्णय का क्रियान्वयन करते हुए प्रदेश के हजारों कर्मचारी राजधानी जिला व तहसील मुख्यालयो में 22 अगस्त को अपने भोजन अवकाश के समय अपनी मांगो के समर्थन में प्रदर्शन कर शासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ज्ञापन सौंप रहे हैं।
संगठन का यह भी निर्णय है कि कर्मचारियों की मांगों पर यदि सकारात्मक निर्णय शासन नहीं लेती है तो आंदोलन का विस्तार किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान धन्नूराम साहू, बंसत कुमार सिन्हा, पन्नालाल बघेल, रामकुमार गोटा, महेन्द्र सिंह ठाकुर, कृष्णा राम देवांगन, मनराखन लाल तेता, प्रीतराम कोड़ोपी, रामसिंह सलाम, उदयराम शोरी, शिव देवांगन, दिनेश साहू, सूर्यकांत देवांगन, सदाराम पटेल, चिंताराम बनपेला, बृजलाल कश्यप, रंजीत ठाकुर, देवनारायण बजंरंग व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
शासकीय कर्मचारी संघ की मांगे
संघ की प्रमुख मांगों में केंद्रीय कर्मचारियों के समान राज्य कर्मचारियों को एक जनवरी 2019 से तीन प्रतिशत व एक जुलाई 2019 से पांच प्रतिशत लंबित मंहगाई भत्ते का अविलंब भुगतान किया जाए। घोषणा पत्र का क्रियान्वयन करते हुए राज्य के सभी संवर्गों के कर्मचारियों को चार स्तरीय पदोन्नत समयमान वेतनमान दिया जाए, सातवें वेतनमान के एरियर्स का बकाया किस्त भुगतान किया जाए। लिपिक वर्गीय कर्मचारियों अन्य सभी संवर्गों की वेतन विसंगति का तत्काल निराकरण किया जाए व राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक की जाए। अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए, पुनरिक्षित वेतनमान के अनुरूप सभी प्रकार के प्रासंगिक भत्तों को पुनरिक्षित करने की मांग शामिल है।