कोयला उद्योग बचाओ का प्रस्ताव लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियन संयुक्त रूप से कन्वेंशन करेंगी। इसके साथ ही राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके अलावा सभी कोयला खदान के महाप्रबंधक कार्यालय समक्ष गेट मीटिंग कर प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से सीएमपीआइ को पृथक कंपनी बनाए जाने के प्रस्ताव के बाद केंद्रीय नेताओं की नींद उड़ गई है। इस प्रस्ताव के साथ यह तय हो गया कि तीन बड़ी कंपनी को भी सीआइएल से अलग किया जा सकता है और प्रॉफिट वाली कंपनी को निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा। इस मसले को लेकर सीएमपीडीआइ में केंद्रीय ट्रेड यूनियन एटक, एचएमएस एवं सीटू के केंद्रीय नेताओं ने बैठक कर आगामी रूपरेखा तैयार की। इसमें तीनों फेडरेशन की एक समन्वय समिति गठित करने का निर्णय लिया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार की कोल इंडिया के विघटन, निजीकरण एवं श्रमिक विरोधी नीति पर साथ मिल कर आंदोलन किया जाएगा। बैठक में तय किया गया कि नौ अगस्त को पूरे कोल इंडिया में क्षेत्रीय स्तर एवं कंपनी स्तर पर संयुक्त प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से कोल इंडिया बचाओ एवं कोल इंडिया को एक कंपनी बनाओ मांग होगी। सभी कंपनियों में संयुक्त कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा। इसकी तिथि जल्द निर्धारित की जाएगी। इसके पहले नौ अगस्त को सभी कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा। डीडी रामानंदन, अशोक यादव व राजेश सिंह ज्ञापन तैयार करेंगे। आंदोलन को व्यापक रूप से सफल बनाने के लिए अन्य संगठन का भी सहयोग लिया जाएगा। बैठक में प्रमुख रूप से वासुदेव आचार्या, रमेंद्र कुमार, राजेश कुमार सिंह, डीडी रामानंदन, हरिद्वार सिंह, मिथिलेश सिंह, जेएस सोढ़ी, अशोक यादव, लखनलाल महतो, वीएम मनोहर समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
स्थानीय स्तर पर बनी रूपरेखा
आंदोलन को लेकर कुसमुंडा सीटू कार्यालय में मंगलवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। इस संबंध में सीटू के उपमहासचिव वीएम मनोहर ने बताया कि आंदोलन की रूपरेखा स्थानीय स्तर पर भी तैयार की जा रही है। चरणबद्ध ढंग से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।