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छत्तीसगढ़ : नदियाँ उफान पर, बस्तर में भीषण बाढ़

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बस्तर संभाग में बीते तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से नदी-नाले फिर उफान पर हैं। बीजापुर में एक ग्रामीण नदी में बह गया। संबलपुर रेलवे मंडल टिटलागढ़ में रेल पटरी क्षतिग्रस्त हो जाने से इस मार्ग की ट्रेनें रद कर दी गई हैं। बस्तर संभाग में सड़क और रेलमार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम विज्ञान ने बंगाल की खाड़ी में बने मजबूत सिस्टम के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। सूत्रों के मुताबिक इन्द्रावती नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह 6 बजे 8.30 मीटर पर पहुंच गया।

बारिश से बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इन जिलों का पड़ोसी राज्यों तेलंगाना और महाराष्ट्र से संपर्क कट गया है। यहां स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां दे दी गई हैं। 15 दिनों में यह तीसरा मौका है, जब बस्तर संभाग में बाढ़ के हालात बने हैं। बीजापुर में मंगलवार की शाम चिंतावागु नदी में ग्राम मुत्तापुर निवासी ग्रामीण सोनला बुधाारव (24) पुत्र सोनला इस्तारी बह गया। उसका बड़ा भाई दिलीप बाल-बाल बचा।

रेलमार्ग प्रभावित, कई ट्रेनें रद

संबलपुर रेलवे मंडल टिटलागढ़ में बारिश से हुए भूस्खलन से रेल पटरी क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे सिंगापुरम रोड और टिटलागढ़ सेक्शन के दोईकल्लू और अंबोदाल रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। इससे विशाखापट्टनम से रायपुर और रायपुर से विशाखापट्टनम जाने वाली आठ पैसेंजर ट्रेनें रद कर दी गई हैं। वहीं विशाखापट्टन-निजामुद्दीन और निजामुद्दीन-विशाखापट्टनम को परिवर्तित को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है।

सैकड़ों गांव मुख्यालयों से कटे

सुकमा में सबरी और मलगेर नदियों में उफान के चलते जिले का तेलंगाना के साथ ओडिशा से संपर्क टूट गया है। यहां सुकमा-कोंटा, सुकमा-मलकानगिरी, सुकमा-गादीरास मार्ग में नदी-नालों पानी पुल के ऊपर बह रहा है।

इसी तरह बीजापुर जिले में मिंगाचल और इंद्रावती के साथ स्थानीय नालों में बाढ़ के कारण अंदरूनी क्षेत्र के कई गांव मुख्य मार्गों से अलग-थलग पड़ गए हैं। दंतेवाड़ा में भी शंकिनी-डंकिनी और तुमनार नदी में भी पानी तेजी से बढ़ रहा है। दक्षिण बस्तर के दर्जनों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। नारायणपुर और कोंडागांव जिले के कई अंदरूनी गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।

राहत शिविर खुले, प्रशासन सतर्क

मूसलाधार बारिश को देखते बस्तर संभाग के सभी जिलों में प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए राहत शिविर खोल दिए हैं। बसाहट क्षेत्र के करीब नदी-नालों के आसपास नगर सैनिक के गोताखोरों को तैनात किया गया है। संभाग में करीब 200 गांव बाढ़ प्रभावित के रूप में चिन्हित किए गए हैं, जहां प्रशासनिक अमला नजर रखे हुए है।