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अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता

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जिले में कार्यरत 241 अतिथि शिक्षक अब बेरोजगारी के कगार पर आ गए हैं। उनकी सेवाएं नियमित तो नहीं की गई अपितु प्रशासन ने 106 शिक्षकों की नई भर्ती का ऐलान कर दिया है। प्राइमरी और मिडिल स्कूल के 135 अतिथि शिक्षकों को दोबारा लिया जा रहा है। बाहर का रास्ता सुझाए अतिथि शिक्षक जिले के हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्यापन करा रहे थे। जिले में समर्थन योजना के तहत 241 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति ग्रामीण और कस्बाई स्कूलों में की गई थी। 2019-20 के लिए इनकी सेवाएं स्वीकृत नहीं हुई। 241 शिक्षक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से पुनः लिए जाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अब तक ठोस निर्णय नहीं लिया गया। अब प्राथमिक और मिडिल स्कूल के 135 शिक्षकों को वापस लेने की तैयारी प्रशासन कर रहा है लेकिन 106 अतिथि शिक्षकों के लिए नई भर्ती का ऐलान कर उन्हें बेरोजगारी का रास्ता दिखा दिया है। भाजपा युवा मोर्चा के दीपक वाजपेई व मनीष सुराना का कहना है कि अंदरूनी इलाकों के बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ पिछले पांच वर्षों से बोर्ड कक्षा में शत प्रतिशत परिणाम देने के बावजूद इन्हें हटाया जा रहा है, शासन और प्रशासन का यह निर्णय गलत है। एक अतिथि शिक्षक की मौत 8 जुलाई को हो गई है। अतिथि शिक्षक देवाराम मांडवी कुआकोंडा ब्लाक के पालनार इलाके में सेवा दे रहा था।