कतर्नियाघाट रेंज के भवानीपुर गाँव के निकट दो दिन से बाघिन दहाड़ रही है। वह अपने दो शावकों के साथ देखी जा रही है। रात में बाघिन ने एक गाय को निवाला बना लिया। गांव के लोगों ने डेढ़ घंटे तक हांका लगाया तब बाघिन गांव से खिसकी। इस घटना से ग्रामीण घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। बाघिन की दस्तक से गांव के लोगों की दिनचर्या अस्तव्यस्त हो गयी है। ग्रामीणों की सूचना पर बाघिन को शावकों के साथ जंगल की ओर भेजने के लिए हाथियों से कॉम्बिंग शुरू की गयी है।
कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत भवानीपुर गांव के निकट दो दिन से बाघिन का शावकों के साथ मूवमेंट है। मंगलवार रात गांव निवासी झगड़ू के अहाते में घुसकर बाघिन ने गाय को निवाला बना लिया। सुबह फिर बाघिन शावकों के साथ दिखी।
गाँव के निकट बाघिन और शावकों के मूवमेंट के चलते ग्रामीणों की दिनचर्या अस्तव्यस्त है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। खेत खलिहान का भी कार्य प्रभावित है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना रेंज कार्यालय कतर्नियाघाट पर दी।
वन क्षेत्राधिकारी पियूष मोहन श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंचकर बाघिन के क्षेत्र में होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि बीट इंचार्ज/वनरक्षक पवन शुक्ला को गश्त के निर्देश दिए। सुबह से ही महावत मोहर्रम अली व विनोद के नेतृत्व में हथिनी जयमाला और चम्पाकली द्वारा गश्त शुरू करवा दी गयी है।
वनक्षेत्राधिकारी ने बताया कि बिछिया बाजार से भवानीपुर तक गश्त की जा रही है। वन क्षेत्राधिकारी ने कहा कि गिरिजापुरी कॉलोनी व बरखड़िया गांवों में भी बाघ और तेंदुए का मूवमेंट है। सुरक्षा के मद्देनजर इन गांवों के लोगों को सजग किया रहा है। लगातार इन गांवों में गश्ती टीम भी तैनात की गई है ।