भारत में ऐसे कई मंदिर है जो अपनी विशेषताओं के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. आज हम आपको एक ऐसे ही खास मंदिर के बारे में बताएंगे जो अपने अनोखे रहस्य के कारण जाना जाता है. भगवान शिव के इस मंदिर के बारे में जानकर आप हैरान रह जाओगे. आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य के बारे में.
भगवान शिव का यह अनोखा मंदिर छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर इंद्रावती नदी के तट पर छिंदगांव में स्थित है. 10 वीं शताब्दी में निर्मित इस मंदिर की मूर्तियो को आज भी यहाँ के स्थानीय निवासी छुटे नही है.
इन मूर्तियों को ना छूने की वजह यहां के 74 वर्ष पूर्व दिया गया गया राजा का आदेश है. दरअसल यहां के लोग अपने आराध्य मां दंतेश्वरी का माटी पुजारी बस्तर राजा को मानते हैं. इस राजा ने 74 साल पहले आदेश दिया था कि इस मंदिर परिसर की मूर्तियों कोई नहीं छुएगा. तब से ग्रामीण इस आदेश का पालन करते हैं.

हालांकि स्वतंत्रता के बाद राजसी व्यवस्था खत्म हो गई है, पर लोहडीगुंडा विकासखंड के सिंध गांव में रहने वाले लोग आज भी अपने राजा के आदेश का पालन करते हैं. इसीलिए 1942 में जारी किए गए राजा के फरमान के तहत वे अभी भी मंदिर की मूर्तियों को नही छूते हैं. इस मंदिर में शिवलिंग के अलावा भगवान नरसिंह, नटराज और माता कंकालीन की पुरानी मूर्तियां स्थापित है.