संवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाके में काम करने वाली पुलिस पर अक्सर आदिवासियों पर अत्याचार, प्रताड़ना, बेकसूरों को जेल भेजने जैसे गंभीर आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस सब आरोपों को दरकिनार कर बड़गांव पुलिस ने एक अभिनव एवं सराहनीय पहल शुरू की है।
बड़गांव क्षेत्र पूरी तरह से नक्सल प्रभावित और सुविधा विहीन और आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्र है। अंदरूनी गांव में रहने वाले स्कूली बच्चे अक्सर गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ देते हैं या फिर आगे नहीं पढ़ पाते। अब ऐसे गरीब बच्चों को पढ़ाई से वंचित न होना पड़े, इसका बीड़ा बड़गांव पुलिस थाना में पदस्थ जवानों ने उठाया है। शनिवार को पुलिस के अधिकारी बड़गांव हायर सेकंडरी स्कूल पहुंचे और बच्चों को यातायात के नियमों का पालन करने, स्कूलों में रैगिंग जैसी बुराई को दूर करने, नशे से दूर रहने एवं बच्चियों को स्कूल आते जाते सावधानियों को लेकर जागरूक किया।
सब इंस्पेक्टर प्रदीप सिदार ने कहा कि यातायात के नियमों की जानकारी बच्चों को होना बहुत जरूरी है। हमेशा सड़कों पर सावधानी से चलने, दोपहिया वाहन पर तीन सवारी नहीं बैठाने, हेलमेट का उपयोग करने की बात कही।
सामाजिक सरोकार भी हमारी जिम्मेदारी : बड़गांव थाना प्रभारी विपिन कुजूर ने कहा अपराध पर अंकुश लगाने के साथ सामाजिक सरोकार की भी हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए हमने तय किया है कि गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं होने देंगे।
गरीब बच्चों को पढ़ने में अब नहीं होगी दिक्कत : सिदार ने छात्रों से कहा कि बड़गांव पुलिस क्षेत्र के गरीब बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने का फैसला लिया है। क्षेत्र के कई ऐसे गांव है, जहां के बच्चे प्रतिभावान है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते। ऐसे बच्चों को पढ़ने के लिए अब दिक्कत नहीं होगी। शिक्षकों के माध्यम से जानकारी लेकर बच्चो को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि बच्चे पढ़कर आगे बढ़ सकें। उन्होंने प्रावीण्य सूची में आने वाले छात्रों को ट्रॉफी व प्रमाण पत्र देने की भी बात कही