अंबिकापुर । पति को मौत के मुंह से खींच निकालने की बहादुरी भरी घटना सामने आई है। तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगल गई महिला ने दो भालुओं से घिरे पति को देख उन्हें बचाने के लिए कूद पड़ी। भालुओं ने उसे गिरा दिया। सिर के पिछले हिस्से को जख्मी कर दिया, लेकिन महिला ने साहस नहीं छोड़ा।
पेड़ के एक मोटे तने को तोड़कर भालुओं पर पिल पड़ी। दस मिनट तक लगातार उन पर हमला करती रही। आखिरकार भालू जंगल की ओर भाग गए। इसके बाद महिला घायल व बेहोश पति को कंधे पर लादकर पांच किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर घर पहुंची। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
घटना सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम चेन्द्रा की है। घायल सुनैना गुर्जर (35) ने बताया कि रोजाना की भांति वह पति अजय गुर्जर के साथ तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए लमकाडांड़ जंगल गई थी। जंगल में दो भालुओं ने पति पर अचानक हमला कर दिया।
उनकी चीख सुनकर मौके पर पहुंची तो देखा कि भालुओं ने उन पर हमला बोल दिया है। हिम्मत जुटाकर भालुओं के करीब पहुंची और पास रखे गमछे को एक भालू के सिर पर डाल दिया। इध्ार दूसरा भालू पति को छोड़कर उसके पैर को पीछे से पकड़कर गिरा दिया।
दूसरा भालू उसके सिर के पिछले हिस्से को नोच रहा था। इसके बाद वह पेड़ के एक मोटे तने को तोड़कर भालुओं से भिड़ गई। आसपास के पत्थरों से भी उन पर हमला करने लगी। करीब दस मिनट के संघर्ष के बाद भालू जंगल की ओर भाग गए।
वन विभाग से नहीं मिली सहायता
सुनैना ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर वन विभाग के लोग उसके घर पहुंच गए। दोनों को भैयाथान स्वास्थ्य केंद्र ले गए। मरहम-पट्टी कराने के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के लिए रवाना कर दिया, लेकिन इलाज के लिए किसी प्रकार की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान नहीं की। अंबिकापुर पहुंचने के बाद भी वन विभाग ने उनकी सुध नहीं ली है।