महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक मई को विस्फोट में 15 जवानों ने जान गंवाई। इस घटना के बाद बस्तर समेत छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी किया गया। नक्सली इन दिनों घोषित तौर पर टेक्टिकल काउंटर आफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चला रहे हैं। फोर्स को पता है कि इस दौरान वे बड़ी वारदात करने की कोशिश करेंगे। लेकिन इस बार फोर्स उन्हें यहां सफल होने नहीं दे रही है। यह संभव हुआ है बैकअप की टाइमिंग में सुधार से।
आमतौर पर कहीं से सूचना मिलती है कि पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़ हो रही है तो बैकअप टीम को भेजने से पहले सोच विचार किया जाता है कि कहीं नक्सलियों ने रास्ते में ट्रेप तो नहीं लगा रखा है। पहले नक्सलियों के ऐसे जाल में फोर्स फंस चुकी है। मगर अब फोर्स ने रणनीति में बदलाव किया है। नक्सल मुठभेड़ की सूचना मिलते ही चारों तरफ से उनकी घेराबंदी शुरू कर दी जाती है।
तत्काल बैकअप मिलने से आमने-सामने की लड़ाई में नक्सलियों के पांव उखड़ने लगे हैं। बुधवार को दंतेवाड़ा के अरनपुर इलाके में नक्सली जमावड़े की सूचना पर पहली बार दंतेवाड़ा की महिला डीआरजी टीम ने ऑपरेशन किया। वहां बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद थे और महिला डीआरजी टीम दंतेश्वरी फाइटर्स को बैकअप की जरूरत थी।
मौके पर बाहर से फोर्स पहुंची तो नक्सलियों के पांव उखड़ गए। इस मुठभेड़ में दो महिला नक्सली मारी गई। इससे पहले इसी इलाके में फोर्स ने नक्सलियों द्वारा प्लांट किया गया पांच किलो का बम नष्ट किया। लोकसभा चुनाव के पहले दंतेवाड़ा के श्यामगिरी में नक्सलियों ने एक विस्फोट किया जिसमें विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई।
इस घटना के तत्काल बाद वहां फोर्स पहुंच गई थी इसलिए नक्सली मौके पर और तांडव नहीं मचा पाए। आमतौर पर नक्सली ऐसी घटनाओं की वीडियो शूटिंग करते हैं। इसका उपयोग वे अपने ट्रेनिंग में करते हैं। लेकिन हाल के दिनों में किसी भी घटना की वीडियो नक्सली नहीं बना पाए तो उसकी वजह यही है कि फोर्स तत्काल मौके पर पहुंच रही है।
लगातार कर रहे प्रयास पर मुंह की खा रहे नक्सली
एक मई को नक्सलियों ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सड़क निर्माण में लगी गाड़ियों को जलाया। इस वारदात के बाद मौके पर रवाना हुई फोर्स को ब्लास्ट में उड़ा दिया जिसमें 15 जवानों की मौत हो गई। इस घटना के बाद बस्तर में लगातार नक्सली सक्रिय हैं। वे बड़ी वारदात की कोशिश कर हैं पर फोर्स के हाथों पिट रहे हैं। गढ़चिरौली में वे सफल रहे जबकि उसी दिन बीजापुर में पुलिस ने पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद तो लगातार फोर्स ही हावी दिखी।
हर दिन नक्सली वारदात, फोर्स दे रही जवाब
एक मई के बाद हर दिन नक्सलियों का एक मामला सामने आ रहा है। दो मई को उन्होंने सुकमा के किस्टारम में दो ग्रमीणों की हत्या की। इसी दिन दंतेवाड़ा में फोर्स ने विधायक हत्या में शामिल रहे आठ लाख के इनामी नक्सली सोयम मुइया को मार गिराया। तीन मई को दंतेवाड़ा में मुठभेड़ के बाद भाग रहे दो नक्सलियों को पकड़ा गया। चार मई को दंतेवाड़ा में तीन नक्सलियों को पकड़ा गया जबकि एक ने सरेंडर किया।
पांच मई को गोलापल्ली में सड़क निर्माण में लगे वाहनों को नक्सलियों ने फूंका। छह मई को कोंडागांव के तेतम के जंगलों में फोर्स और नक्सलियों की मुठभेड़ हुई। इसी दिन बारसूर में दो नक्सली पकड़े गए। सात मई को सुकमा में नक्सलियों ने ग्रामीण की हत्या की। आठ मई को दंतेवाड़ा के गोंडेरस में महिला कमांडो ने दो नक्सलियों को मार गिराया।