नगर निगम अंतर्गत सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए बनाई गई वेंडर्स पॉलिसी आज वेंडिंग जोन घोषित नहीं होने से फ्लाप होकर रह गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सड़कों के किनारे अपना पसरा लगाकर सैकड़ों लोग आज भी अपनी आजीविका चलाने के लिए इसी प्रकार की व्यवस्था में लगे हुए हैं। इसके लिए 6 वर्ष पूर्व वेंडर्स पॉलिसी घोषित करते हुए वेंडिंग जोन निर्धारण की बात कही गई थी, लेकिन इस परकाम शुरू नहीं हो सका। इस प्रकार सड़क के किनारे बैठने वाले विक्रेताओं को एक जगह पर स्थापित करने के लिए शुरू की गई योजना ठप होकर रह गई है। अब जानकारी के अनुसार इसका काम भी रोक दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के संबंध में नगर निगम के सूत्रों का आज भी दावा है कि जीआईएस सर्वे के बाद इन विक्रेताओं को शिफ्ट करने का ही काम बाकी है। वैसे शहर में कहीं भी वेंडिंग जोन निश्चित किये जाने की कोई जानकारी नहीं दी गई है। वर्तमान में आबादी बढ़ने के साथ-साथ सड़कों पर दोनों किनारों पर पसरा लगाकर बैठने वाले विक्रेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। निश्चित रूप से इससे शहर में सड़कें विशेष रूप से प्रमुख सडक़ों पर बढ़ते यातायात के दबाव से दुर्घटनाओं का जोर बना रहता है। वैसे नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि शहर के धरमपुरा में लालबहादुर शास्त्री मार्केट और कुम्हारपारा के फिरंता बाजार को वेंडिंग जोन के रूप में विकसित किया जा चुका है। इस संबंध में जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के सिटी प्रोजेक्ट ऑफिसर केदार पटेल ने सोमवार को बताया कि अब तक वेंडिंग जोन और नॉन वेंडिंग जोन घोषित नहीं किए जा सके हैं। जीआईएस सर्वे के बाद इन दोनों स्थलों को घोषित कर फुटपाथियों को शिफ्ट करने की कार्रवाई की जाएगी।