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नक्सली अपनी संतानों को संगठन में भर्ती क्यों नहीं करते : मनोज कुमार

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बस्तर के आदिवासी युवाओं को भ्रमित करने नक्सली अपनी ओर खींचने के लिए लगातार प्रलोभन दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन भी सतर्क है और युवाओं को लगातार जागृत कर रहा है। इसका लाभ आने वाले दिनों में देखने को प्राप्त हो सकता है। उक्त जानकारी सीआरपीएफ की 227वीं वाहिनी के कमाडेंट मनोज कुमार ने बुधवार को दक्षिण बस्तर के कुम्माकालेंग में हुए सिविक एक्शन कार्यक्रम के दौरान दी।

उन्होंने कहा कि आदिवासी नक्सलियों के प्रलोभन से बचें और उनके दल में शामिल होने से अपने बच्चों को भी रोकें। उन्होंने साफ-साफ कहा कि जो नक्सली नेता युवाओं को नक्सली बना रहे हैं, वे अपने स्वयं के बेटे- बेटियों और रिश्तेदारों को अपनी इस मुहिम में नहीं जोड़ते हैं। किसी भी नक्सली नेता का बेटा अब तक एक भी नक्सली गतिविधि में शामिल है, इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है। नक्सली नेता अपने फायदे के लिए युवाओं को बहला- फुसलाकर नक्सली गतिविधियों में शामिल कर उनकी जिंदगी को बर्बाद कर रहे हैं। कमाडेंट ने कार्यक्रम में शामिल युवाओं से कहा कि वे देश के विकास में भागीदार बने तथा भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही नीतियों का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक ग्रामीण, जवानों से किसी प्रकार का संबंध नहीं रखते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। जवानों और ग्रामीणों के सहयोग से ही गांव का विकास होगा।

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