छत्तीसगढ़ के बस्तर में टाटा स्टील संयंत्र के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन कांग्रेस सरकार द्वारा उन्हें वापस किए जाने के मुद्दे पर अब कुछ छात्र शोध करेंगे। लोहांडीगुड़ा के धुरागांव में टाटा स्टील प्लांट के लिए ली गई जमीन सरकार ने पिछले दिनों किसानों को वापस कर दी है। इस पूरे मामले में किसानों और इलाके के आदिवासियों को क्या फायदा हुआ और इसका असर उनके जीवन पर कैसा पड़ेगा। इन सभी बातों को लेकर एक शोध की शुरूआत कर दी गई है। ये शोध पीजी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग की ओर से की जा रही है। अपने इस शोध के लिए रोज 60 किमी तक का सफर तय कर गांव पहुंचने वाले इन शोधकर्ता छात्रों ने बताया कि जमीनें वापस मिलने पर लोगों के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक उन्नयन और मानसिक स्थिति पर क्या फर्क पड़ा है, इस पर रिसर्च होनी है। धुरागांव निवासी कविता समेत नजदीकी क्षेत्रों के रूपेश कुमार, सुमन बघेल और कुमरावंड की मनीषा पीजी कॉलेज में समाजशास्त्र के चौथे सेमेस्टर के विद्यार्थी हैं। यही चारों इस विषय पर शोध कर रहे हैं।