पिछले दो वर्ष से भंग चल रहे बस्तर परिवहन संघ फिर से उदय हो गया है और दो दिन पूर्व उद्योग विभाग के छग शासन के संयुक्त सचिव ने आदेश जारी कर 21 दिनों के भीतर नई कार्यकारिणी का गठन करने संघ को चुनाव आयोजित करने का निर्देश दिया है। चुनाव के बाद नई कार्यकारिणी का गठन होने पर बस्तर परिवहन संघ का कामकाज प्रशासन संघ को सौंप देगा।
उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व नगरनार के खूंटपदर में परिवहन कारोबार को लेकर विवाद के चलते दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद बस्तर परिवहन संघ के अध्यक्ष समेत अन्य लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। इस घटना के बाद संघ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद संघ ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
हाईकोर्ट ने निर्वाचित संगठन को भंग करना अवैधानिक मानते हुए इसके बहाली के आदेश दिए थे। इसके बाद पुन: 28 फरवरी 2018 को आर्थिक अनियमितता और दस्तावेज संधारण में लापरवाही के आरोप में रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी ने संघ का पंजीयन निरस्त कर दिया था। इसके बाद से ही बस्तर का सबसे बड़ा परिवहन संगठन निर्वासन झेल रहा था। इसके चलते कई छोटे परिवहन कारोबारियों की वाहनें छिन गई थीं और परिवहन व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों लोग सड़क पर आ गए थे।
इस संबंध में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बस्तर परिवहन संघ को भंग करने के मुद्दे को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया था और सरकार गठित की। अब कांग्रेस की सरकार बन चुकी है और इसके तहत यह परिवर्तन होकर संघ की बहाली हो रही है। इस संबंध में बीपीएस के वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि जल्द ही सभी सदस्यों की सहमति से नवीन कार्यकारिणी का निर्वाचन संपन्न करवाया जाएगा।