जगदलपुर- स्थानीय कृषि महाविद्यालय में छात्रों को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से आये वैज्ञानिक डॉक्टर एस. जांभूलकर ने बताया कि अब तक भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में तिलहन और दलहनी फसलों के लगभग 44 किस्में विकसित की जा चुकी हैं। जिसका उपयोग देश के किसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जांभूलकर ने कृषि महाविद्यालय पहुंचकर महाविद्यालय में किए जा रहे अनुसंधान और विभिन्न फसलों के प्रदर्शन का अवलोकन भी किया।
उन्होंने इस संबंध में बताया कि इसके बाद भी आगे नई किस्म विकसित करने के लिए लगातार अनुसंधान किया जा रहा है। इस दौरान कालेज में प्रदर्शन के तौर पर लगाई गई सरसों की खेती देखी और उसकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि यहां कि सरसों देश के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो इसके लिए जल्द ही इस पर भी रिसर्च की जाएगी।
उन्होंने इसी मध्य परियोजना में कार्यरत डॉ जे एल सलाम और डॉ आर.आर. भंवर के कार्यों को देखकर उनकी प्रशंसा की और कुछ सुझाव भी दिए। उनके साथ इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय के अनुसंधान सहायक डॉ. अजय तिवारी भी थे।
उन्होंने महाविद्यालय के छात्रों को संगोष्ठी भवन में संबोधित करते हुए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने यह बताया की कृषि का छात्र भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में कैसे अपना कैरियर कैसे बना सकता है।