उद्योग एवं वाणिज्य कर (आबकारी) मंत्री तथा बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने शनिवार को जगदलपुर स्थित कलेक्टोरेट में आयोजित बैठक में बस्तर जिले में खनिज निधि न्यास के तहत संचालित कार्यों की समीक्षा की।
श्री लखमा ने समीक्षा के दौरान डीएमएफटी की राशि का अधिकतम उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और कृषि के विकास में करने के निर्देश दिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नरुआ, गरुआ, घुरवा और बाड़ी के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों के तहत नदी नालों के किनारे बाड़ियों के विकास, नलकूप खनन और सिंचाई पम्प की स्थापना तथा जर्जर स्टाॅप डेमों के मरम्मत में इस राशि का उपयोग करने को कहा। इसके साथ ही नदी नालों के किनारे थ्री फेस विद्युत कनेक्शन देने में भी इस राशि का उपयोग करने को कहा, जिससे किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल सके। उन्होंने डीएमएफटी की राशि का उपयोग लोगों को सहजता से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
बस्तर कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली ने इस अवसर पर बताया कि राज्य शासन द्वारा डीएमएफटी की राशि का 60 प्रतिशत उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल पर तथा 40 प्रतिशत राशि अधोसंरचनाओें के विकास पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं तथा बस्तर जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि पर 63 फीसदी राशि खर्च की जा रही है। उन्होंने बताया कि बस्तर जिले में 29 ग्राम ऐसे हैं, जहां गौण खनिज के खदान मौजूद हैं तथा इस राशि का अधिकतम उपयोग उन ग्रामों के विकास के लिए खर्च करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। श्री लखमा ने इस अवसर पर जिले में चल रहे विकास कार्यों के प्रगति की भी जानकारी ली और विकास कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता किए बिना उन्हें शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जगदलपुर विधायक श्री रेखचंद जैन,चित्रकोट विधायक श्री दीपक बैज, जगदलपुर महापौर श्री जतीन जायसवाल, कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभात मलिक, अपर कलेक्टर श्री जगदीश सोनकर सहित डीएमएफटी शासी परिषद के सदस्य एवं जिलास्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।