दमिया-सराईपाली मार्ग पर हुए अंधे कत्ल के मामले को जिला पुलिस ने सुलझाने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने हत्या को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी समेत एक महिला और दो सुपारी किलर को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा पुलिस ने इनके पास से मृतक और सभी का मोबाइल, हत्या में प्रयुक्त ग्लब्स, चाकू, रस्सी और सुपारी के कुल 1 लाख 90 हजार की राशि बरामद कर लिया है। सभी को कड़ी पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा पर जेल दाखिल कराया दिया गया। जिला एसपी जे.एस. मीणा ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि हत्या के पीछे अवैध संबंधों का होना था। दरअसल मृतक रंगनाथ श्याम की पत्नी का विवाहेत्तर संबंध कर्रा गांव के ही रहने वाले शिवशंकर यादव (40) से था। पत्नी के इसी सम्बंधों के चलते मृतक का अक्सर उससे विवाद होता रहता था। शिवशंकर यादव, रंगनाथ को रास्ते से हटाने की साजिश रचने लगा। आरोपित शिवशंकर मृतक की पत्नी से अलग रहने को राजी नही था। इस पूरे वारदात को अंजाम देने में एक महिला विनीता मानिकपुरी उर्फ बिन्नी जो कि अकलतरा की रहने वाली है की भूमिका सामने आई है।
पुलिस के अनुसार बिन्नी की जान पहचान आरोपी शिवशंकर से थी और वह उसका इस्तेमाल हनी ट्रैप के तौर पर करना चाहता था। शिवशंकर ने हत्या की प्लानिंग बिन्नी से साझा करते हुए बताया कि वह इस काम के लिए बड़ी राशि सुपारी के तौर पर देगा। इस तरह पैसों की लालच के लिए बिन्नी ने वारदात में शामिल होने पर अपनी हामी दे दी। इस ह्त्या का मास्टरमाइंड शिवशंकर पेशे से बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम करता है।
हत्या के करीब दस दिन पहले पूरी साजिश को रचा गया। हालांकि इस मर्डर के योजना की नींव दस माह पहले ही डाल दी गई थी। इस मामले की महिला आरोपी बिन्नी ने रंगनाथ से अपनी पहचान बढ़ाई और उसके साथ सम्बन्ध भी बने। पुलिस के मुताबिक मृतक रंगनाथ को खूंटाघाट के वनविभाग के नर्सरी में काम दिलाने में शिवशंकर की ही भूमिका थी।
जिसके बाद उसका मृतक के घर आना-जाना लगा रहता था। दूसरी तरफ रंगनाथ की पत्नी को बच्चे नहीं हो रहे थे, जिस वजह से उसके नजदीकियां शिवशंकर से बढ़ने लगी थी। बिन्नी ने सुपारी की पूरी साजिश अपने दो जान पहचान के युवक रविकान्त वाल्मीकि और सुनील सत्तेल को दी। यह दोनों युवक दीपका के प्रगति नगर के रहने वाले है।
हत्या की रात यानी 27 फरवरी को रंगनाथ, विनीता उर्फ बिन्नी को लेकर बेलतरा से अपनी बाइक पर रवाना हुआ था। बिन्नी इस दौरान शिवशंकर के संपर्क में थी। उन्होंने कुछ दिन पहले हत्या के लिए स्थान का चयन भी कर लिया था। इस तरह हत्या की रात शाम करीब सात बजे दमिया-सराईपाली मार्ग पर पहुंचे।
यहां योजना के मुताबिक बिन्नी ने लघुशंका की बात कही और बाइक से उतर गई। तभी झाड़ियों में घात लगाए रवि और सुनील रंगनाथ पर टूट पड़े। पुलिस को दिए बयान में उन्होंने बताया कि रवि ने रंगनाथ का गला दबाया, जबकि सुनील ने चाकू से उसका गला रेता। वहीं बिन्नी ने इस दौरान रंगनाथ का पैर दबाया था।
हत्या को अंजाम देने के बाद तीनों एक बाइक पर सवार होकर पाली पहुंचे, जहां शिवशंकर उनका इंतजार कर रहा था। शिवशंकर ने पाली में ही रवि और सुनील को उनकी सुपारी के 85-85 हजार रुपये सौंप दिए। जबकि शेष बीस हजार बिन्नी ने अपने पास ही रख लिया और फिर वह शिवशंकर के साथ बाइक पर मौके से फरार हो गई। हत्या के इस अंधे मामले को सुलझाने में जिला एसपी जेएस मीणा के निर्देशन में, एएसपी जेपी बढ़ई के मार्गदर्शन में, कटघोरा एसडीओपी संदीप मित्तल, पाली थाना प्रभारी राजेश पटेल, सायबर सेल प्रभारी प्रधान आरक्षक दुर्गेश राठौर, पाली थाना के स्टाॅफ से एसआई सनत सोनवानी, अन्य स्टाॅफ में आरक्षक प्रशांत सिंह, डोमन ओगरे और गुहाराम सिन्हा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आरोपितों के नाम शिवशंकर यादव (40) निवासी कर्रा जिला बिलासपुर, बिन्नी उर्फ विनीता मानिकपुरी (23) निवासी कटघरा, अकलतरा जिला जांजगीर-चाम्पा, रविकांत वाल्मीकि निवासी प्रगतिनगर दीपका जिला कोरबा, सुनील सत्तेल निवासी प्रगतिनगर दीपका जिला कोरबा है।