संयुक्त जिला कार्यालय के सभा कक्ष में शासन की महत्वाकांक्षी नरुवा,घुरुवा, गरुवा और बाड़ी विकास योजना की समीक्षा बैठक शनिवार को संपन्न हुई। उक्त बैठक में कलेक्टर दीपक सोनी नें ग्राम केशवनगर को एक आर्दश ग्राम के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। जिसे गौसंर्वधन शाला का नाम दिया जायेगा। बैठक में कलेक्टर ने बताया है कि नरुवा,घुरुवा, गरुवा और बाड़ी विकास योजना के तहत गौसंवर्धन का कार्य कई ग्राम समुहो को मिलाकर ग्राम संगठन तैयार कर के, प्रत्येक ग्राम में सुचारू रुप से संचालन किया जायेगा। इसके तहत बन रहे गौठान-गौशाला को स्वावलंबी बनाया जायेगा। जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, इस कार्य को प्राथमिकता से लिया जायेगा। कलेक्टर द्वारा महाराष्ट्र के नागपुर अंतर्गत आनें वाले देवलापार में स्थित गौ अनुसंधान केन्द्र में 5 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करके वापस लौटे 15 सदस्यों को जिले में चल रहे कार्यो हेतु मास्टर ट्रेनर बनाकर कार्यो का संचालन कराने के लिए निर्देशित किया है। कलेक्टर ने बताया कि समूहो के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा-लावारिस घुमते पशुओं को संरक्षित करने तथा उनका गोबर-गौमूत्र संग्रहित करने एवं उत्पाद तैयार किये जाने का दायित्व स्व-सहायता समूहों को सौपा जायेगा। जिसके प्रयोग से कुल 43 प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाएंगे ।इसके लिए प्राथमिक तौर पर 94 ग्राम पंचायतो में इस कार्य को शुरू कर, यहाँ से प्राप्त उत्पाद के विक्रय की व्यवस्था स्व-सहायता आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) समूहों के माध्यम से किया जाएगा। उत्पादों का पशु चिकित्सा विभाग तथा आयुष विभाग द्वारा प्रमाणीकरण कराने के बाद, उत्पादो को सुचारू रूप से बिक्री के लिए पहुंचाने के प्रक्रिया तक ध्यान देते हुए कार्य करने को कहा है।जिससें इसमें जुड़े लोग आर्थिक रूप सें मजबूत हो सकें।इस बैठक में परियोजना प्रशासक आर0के0 शर्मा, उपसंचालक कृषि से एस.
प्रसाद, कार्यपालन अभियंता ग्रा.यां. से. अजय एक्का, सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा से कुबेर सिंह उरेती, सहायक संचालक उद्यान से सतीष सिंह, उर्जा विभाग से उपअभियंता अभियंता लक्ष्मण जायसवाल, जनपद पंचायत मनरेगा से समस्त कार्यक्रम अधिकारी,तकनीकी सहायक सहित पशु चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहें।