छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को हुए मुठभेड़ बाद जिन दस नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, उनमें 5 महिला एवं 5 पुरूष हैं। मृत नक्सलियों की अब तक पहचान नहीं हो पायी है। मारे गए नक्सलियों से 12 हथियार एवं बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गयी है। बीजापुर एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि मारे गये नक्सलियों के शव लेकर सुरक्षा बलों के जवान देर रात बीजापुर मुख्यालय पहुंचे। जवान भैरमगढ़ थाना क्षेत्र से करीब 22 किलोमीटर दूर इंद्रावती नदी पार से मारे गए नक्सलियों के शवों को कंधे पर लादकर पैदल सफर करते हुए भैरमगढ़ तक लेकर पहुँचे। वहां से वाहन के माध्यम से शवों को बीजापुर मुख्यालय लाया गया। यह मुठभेड़ इस साल की सबसे बड़ी एवं सफल कार्रवाई है। गौरतलब है कि बोड़गा के बाद माड़ का इलाका, घने जंगल, जंगली जानवरों के खतरे और नक्सली पनाहगार वाला है। इसके आगे ही नक्सलियों ने ट्रेनिंग कैम्प, हथियार डंप करने और आईईडी बनाने के लिए फेक्ट्री खोल रखी थी। बारिश व ठंड की वजह से पिछले 7 महीनों से इंद्रावती नदी पर आपरेशन नहीं चला था।
पुलिस फोर्स ने इसकी प्लानिंग इतनी तगड़ी की थी कि माओवादियों को फोर्स के आने की हवा तक नहीं लगी और फोर्स ने माओवादियों की कमर तोड़ दी। यहां यह उल्लेख करना लाजिमी होगा कि बोड़गा इलाके में जवानों ने जिस जंगल में नक्सलियों को मात दी, वह नक्सलियों की 16 नंबर प्लाटून और भैरमगढ़ एरिया कमेटी का बार्डर है। ऐसा माना जा रहा है कि यहां नक्सलियों की 16 नंबर प्लाटून के अलावा भैरमगढ़ एरिया कमेटी के नक्सली भी मौजूद थे। मृतकों में ज्यादातर 16 नंबर कंपनी के नक्सली हैं।
मुठभेड़ में जो नक्सली मारे गए हैं उनमें से ज्यादातर नए लड़के हैं। मुठभेड़ में कोई बड़ा या हार्डकोर नक्सली नहीं मारा गया है। मुठभेड़ में ढेर हुए नक्सलियों के पहचान की प्रक्रिया जारी है। सरेंडर नक्सलियों से मृतकों की पहचान करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।