राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में कुपोषण की स्थिति जानने के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में 11 से 20 फरवरी तक वजन त्यौहार मनाया जाएगा। इस दौरान सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर की जांच के साथ 11 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। विभाग द्वारा नागरिकों से वजन त्यौहार के दौरान निर्धारित तिथि पर आंगनबाड़ी केन्द्रों में आकर बच्चों और किशोरी बालिकाओं का वजन कराने की अपील की गई है।
वजन त्यौहार में निर्धारित तिथि में बच्चों का वजन लिया जाकर ऑनलाईन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पोषण स्तर का पता किया जाता है। इस दौरान कम वजन वाले बच्चों को चिन्हांकित कर कुपोषण की सही स्थिति का पता लगा कर दूर करने का प्रयास किया जाता है। इस वर्ष से इस अभियान में किशोरी बालिकाओं की जांच को भी शामिल किया गया है। किशोरी बालिकाओं में एनीमिया के स्तर में सुधार के लिए वजन त्योहार के दौरान उनका हीमोग्लोबिन परीक्षण कराया जाएगा और उनका वजन और ऊंचाई लेकर बीएमआई निकाला जाएगा। इसके लिए विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा।
महिला बाल विकास विभाग की आयुक्त सह सचिव डॉ.एम.गीता के द्वारा वजन त्यौहार की तैयारियों और कार्ययोजना के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों और विभागीय अधिकारियों को विगत 30 जनवरी को विस्तृत दिर्शानिर्देश जारी किया गया है। आदेश में वजन त्यौहार के सफल आयोजन के लिए समय सीमा में सभी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैैं। वजन त्यौहार के दौरान आंकड़ों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में अन्य विभाग के अधिकारियों को नामांकित करने कहा गया है। साथ ही बाल विकास परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को सभी केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों से वजन लिया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है।
वजन त्यौहार के आयोजन तिथि में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को शाम 5 बजे तक खुले रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज बच्चों के अलावा बाहर से आए बच्चों का वजन भी लिया जाएगा और निःशक्त बच्चों की पहचान की जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषण केे तीनों मापदण्डों अल्प वजन,बौनापन और दुर्बलता के मापन के लिए आयु,वजन के साथ-साथ बच्चों की ऊंचाई की जानकारी भी अनिवार्य रूप से लेने के लिए कहा गया है। वजन त्यौहार में पोषण स्तर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जनप्रतिनिधियों, नागरिकों, माताओं,स्व सहायता समूहों का सहयोग और सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के संबंध में दिशानिर्देश दिए गए हैं।