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छत्तीसगढ़ : भ्रष्टाचार के खिलाफ विष्णुदेव साय सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला…

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छत्तीसगढ़ : भ्रष्टाचार के खिलाफ विष्णुदेव साय सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला…

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद से कई बड़े फैसले लिए गये हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हमेशा कहते हैं कि राज्य में भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

अपनी इसी बात को चरितार्थ करते हुए उन्होंने सीएसआईडीसी पर अहम फैसला लिया है। विष्णुदेव साय कैबिनेट ने शासकीय समानों की खरीदी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए सीएसआईडीसी के माध्यम से सभी रेट काॅन्ट्रेक्ट को जुलाई माह के अंत तक निरस्त करने का निर्णय लिया है।

ज्ञात हो कि गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार ने जेम पोर्टल से खरीदी पर रोक लगा दी थी, शासकीय सामग्री की खरीदी में दिक्कत, गुणवत्ता का अभाव एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें काफी बढ़ गई थी।

साय सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का फैसला लिया है, बल्कि जेम के माध्यम से खरीदी की व्यवस्था को फिर से बहाल कर शासकीय सामग्री की खरीदी में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। विष्णु सरकार का यह फैसला सुशासन की दिशा में एक और कदम है। साय सरकार के इस फैसले की जमकर प्रशंसा हो रही है।

दरअसल कैबिनेट बैठक में छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 के (यथा संशोधित 2022) में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया। राज्य शासन के सभी विभाग आवश्यकतानुसार सामग्री, वस्तुओं एवं सेवाएं, जिनकी दरें एवं विशिष्टियां भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी की जेम वेबसाइट में उपलब्ध हों, का क्रय जेम वेबसाईट से नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया पालन कर करेंगे। अतिरिक्त आवश्यकता होने पर सामग्री, वस्तु एवं सेवाओं के क्रय के संबंधित विभागों को वित्त विभाग से अनुमति लेना होगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक में इसके अलावा और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं । प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया। नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय भाषा-बोली में शिक्षा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्री-प्राइमरी से 12 वीं तक सबको शिक्षा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है। इस नवीन शिक्षा नीति के तहत समतामूलक और समावेशी शिक्षा प्रदान करने के साथ ही प्रचलित शैक्षणिक संरचना 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 लागू किया गया है।