छत्तीसगढ़ : नकली होलोग्राम मामले में आरोपियों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां…
यूपी एसटीएफ को नकली होलोग्राम मामले में आरोपियों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है। इस केस में सबसे ज्यादा फायदा डिस्टलरी कंपनियों को मिला। आरोपियों ने अवैध शराब में नकली होलोग्राम डिस्टलरी में लगाए जाते थे। प्रति होलोग्राम के पीछे होलोग्राम बनाने वाली कंपनी से आठ पैसे प्रति होलोग्राम कमीशन लिया जाता था।
यूपी एसटीएफ के सामने अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी ने उगले कई राज, डुप्लीकेट होलोग्राम में एपी त्रिपाठी ने 20 करोड़ रुपये कमीशन प्राप्त किए, इस्तेमाल हो चुके होलोग्राम के नंबर पर ही बनाए गए डुप्लीकेट होलोग्राम.
छत्तीसगढ़ के 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में उत्तर प्रदेश में अनवर, त्रिपाठी को भेजा जेल नकली होलोग्राम मामले में कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी को यूपी एसटीएफ ने तीन दिन की रिमांड के बाद मेरठ कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों को 15 जुलाई तक जेल भेज दिया है।
इधर, उत्तर प्रदेश एसटीएफ रायपुर जेल में बंद अनिल टुटेजा को प्रोडक्शन वारंट में लेकर जाने की तैयारी में है। गौरतलब है कि अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश एसटीएफ प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर साथ ले गई थी।
विषु गुप्ता से डुप्लीकेट होलोग्राम की आपूर्ति योजनाबद्ध तरीके से टेंडर दिलवाकर की गई। पूर्व में इस्तेमाल हो चुके होलोग्राम के नंबर पर ही डुप्लीकेट होलोग्राम बनाए गए। जिसे प्रिज्म होलोग्राम के रायपुर यूनिट के प्रभारी दिलीप पांडेय के माध्यम से अमित सिंह, दीपक दुआरी, प्रकाश शर्मा के सहयोग से सहायक आयुक्त आबकारी जनार्दन कौरव ने डिस्टलरी मालिकों तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई।
एपी त्रिपाठी ने इससे 20 करोड़ रुपये कमीशन प्राप्त किए। ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि विकास अग्रवाल उर्फ सिब्बू ने सुमित मालू, रवि बजाज नामक हवाला कारोबारियों के माध्यम से अवैध कमाई को विदेश में भी निवेश कराया है।