रायपुरः देश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शुमार दंतेवाड़ा एक ऐसा क्षेत्र है जहां नक्सली चुनावों से पूर्व ही जनता पर चुनाव बहिष्कार का दबाव बनाने लगते हैं. यही नहीं क्षेत्र में विकास के खिलाफ नक्सली आए दिन ग्रामीणों और सेना पर हमले कर क्षेत्र में बाहरी लोगों के आने-जाने को लेकर चेतावनी देते रहते हैं. ऐसे में यहां चुनाव संपन्न कराना सरकार के लिए काफी मुश्किल होता है, लेकिन क्षेत्र के विकास और अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए क्षेत्र की जनता चुनावों में अपना मत देने जरूर आती है.
दंतेवाड़ा विधानसभा सीट
बता दें दंतेवाड़ा एसटी आरक्षित विधानसभा सीट है और यह आदिवासी बहुल इलाका है. जिसके कारण यहां किसी भी पार्टी की जीत आदिवासियों के मत पर निर्भर करती है. दंतेवाड़ा विधानसभा सीट पर बीजेपी, कांग्रेस के अलावा सीपीआई का भी काफी प्रभाव है. यहां के चुनावों में सीपीआई उम्मीद्वार अक्सर बीजेपी और भाजपा को कड़ी टक्कर देते आए हैं.
2003 विधानसभा चुनाव नतीजे
बात करें चुनावों की तो 2003 के विधानसभा चुनावों में जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र कर्मा को 24,572 वोटों के साथ अपना प्रतिनिधी चुना था, जबकि सीपीआई प्रत्याशी नंदा राम सोरी को महेंद्र कर्मा की तुलना में केवल 19,637 वोट मिले.