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फसल उत्सव का है विशेष महत्व, आइये जानते हैं ;’भारत के इन राज्यों में फसल की कटाई पर मनाएं जाने वाले त्योहार…

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भारत के अलग-अलग राज्यों में फसल कटाई के समापन को त्योहार के तौर पर ईश्वर को धन्यवाद देने के उद्देश्य से मनाते हैं. ये त्योहार अक्सर मार्च से अप्रेल के महीने में रबी फसल की कटाई से खरीफ फसल की बुवाई के पहले मनाएं जाते हैं.

आइये जानते हैं भारत के इन राज्यों में फसल की कटाई पर मनाएं जाने वाले त्योहारो के बारे में- मकर संक्रान्ति– उत्तर भारत में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार मकर संक्रान्ति आमतौर पर 14 या 15 जनवरी को मनाया जाने वाला एक हार्वेस्ट फेस्टिवल है. इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के गंगासागर में एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन से सुर्य देव दक्षिणायन (दक्षिण) से उत्तरायण (गोलार्द्ध) में प्रवेश करना शुरू कर देते हैं और सर्दी कम होने लगती है. मकर संक्रान्ति को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे गुजरात में उत्तरायण, असम में बिहू, दक्षिण भारत में पोंगल और उत्तर प्रदेश में खिचड़ी के नाम से इस पर्व को मनाते हैं.

इस दिन तिल से बनी चीजों का सेवन किया जाता है. ओणम– यह पर्व केरल में 10 दिनों तक सितंबर के महीने मनाया जाता है. मान्यता है कि ओणम के दसवें दिन तिरुओणम के दिन राजा महाबली अपनी प्रजा से मिलने आया करते थे, जिसकी खुशी में यह पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ में मनाया जाने लगा. वैशाख– यह पर्व पंजाब और हरियाणा में धूमधाम से मनाया जाता है.

इस दिन महिलाओं द्वारा गिद्दा और पुरुषों द्वारा भांगड़ा किया जाता है. लोहड़ी– यह भी पंजाब और हरियाणा में मनाया जाने वाला त्योहार है, जिसे मकर संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता है. इस दिन किसान सूर्य और अग्नि देव की पूजा करके अच्छी फसल की कामना करते हैं. नुआखाई– यह गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद पश्चिमी ओडिशा में नए फसल के स्वागत के लिए किसानों द्वारा मनाया जाता है.

माना जाता है कि ऋषियों के पंचयज्ञ पर विचार-विमर्श करने के बाद नुआखाई उत्सव मनाया गया. अरसा पीठा इस त्योहार के प्रमुख आकर्षण हैं. बिहू– वैशाख ,माघ और कार्तिक के महीने में तीन बार मनाया जाने वाला बिहू असम का सबसे प्रमुख त्योहार है. यह नृत्य और बिहू गायन के साथ मनाया जाता है.

पोंगल– तमिल नाडू का त्योहार पोंगल असल में मकर संक्रांति का ही रूप है,जो चार दिन तक मनाया जाता है. इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. पोंगल का पहला दिन भोगी पोंगल, दूसरा दिन थाई पोंगल, तीसरा दिन मट्टू पोंगल और चौथा दिन कानुम पोंगल के नाम से जाना जाता है. विशु- भगवान विष्णु को समर्पित विशु केरल और कर्नाटक का प्रमुख त्योहार है.

इस त्योहार से मलयाली नव वर्ष की शुरुआत होती है. इस त्योहार की प्रमुख विशेषता विशुक्क्नी है, जिसका मतलब भगवान विष्णु की झांकी होता है. गुडी-पडवा- महाराष्ट्र और गोवा में धूमधाम से मनाये जाने वाले गुडी-पडवा त्योहार के दिन से नए साल की शुरुआत होती है. उगादी- यह कर्नाटक,आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में मनाया जाता है.

मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम के राज्याभिषेक के साथ ही सतयुग का प्रारंभ हुआ था. इस दिन से देवी उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रा की भी शुरुआत होती है. बोनालू- महाकाली को समर्पित, आंध्रप्रदेश व तेलंगाना का यह एक प्रमुख त्योहार है जो आषाढ़ महीने में मनाया जाता है | गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले में निकली झांकी के बाद यह त्योहार पूरे देश भर में लोकप्रिय हो गया | वान्गाला- मेघालय के गारो जनजाति द्वारा मनाया जाने वाला यह त्योहार सूर्य देव को समर्पित होता है. यह त्योहार चार दिन तक मनाया जाता है, जिसका समापन एक युद्ध नृत्य के साथ होता है.

पोम्ब्लांग नोंगक्रम- यह भी मेघालय के खासी जनजातियों का प्रमुख त्योहार है, जिसका समापन नोंगक्रम नृत्य के बाद एक बली से होता है. नाबन्ना- नाबन्ना का मतलब नये अनाज होता है. बंगाल में धान के सफल फसल के उपलक्ष्य में इस त्योहार को मनाया जाता है. इस दौरान एक मेले का भी आयोजन किया जाता है. मकर-विलक्कू- यह केरल का वार्षिक सप्त-दिवसीय त्योहार है, जो सबरीमाला के अयप्पा देव को समर्पित होता है.Dailyhunt