धान खरीदी को लेकर जांजगीर-चांपा जिले के डभरा क्षेत्र से काफी गड़बड़ी की शिकायतें प्राप्त हो रही है. धान उपार्जन केन्द्रों में बिना इलेक्ट्रॉनिक कांटा के धान तौला जा रहा है. जिससे किसानों की मेहनत की कमाई की चोरी धान खरीदी प्रभारी कर रहे हैं. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक डभरा अंतर्गत आने वाली सेवा सहकारी समिति कांसा एवं बड़े कोटेकोनी में सुखत तथा बोरे के वजन के नाम पर किसानों से डेढ़ से 2 किलो तक अधिक धान लिया जा रहा है. इतना ही नहीं गड़बड़ी के नाम पर यहां बोरे की सिलाई भी तौल के बाद नहीं की जा रही है. हजारों क्विंटल धान बिना सिलाई किए केंद्रों में पड़ा हुआ है. केंद्र प्रभारी से जब कोई इसका कारण पूछता है, तो वह उल्टे अधिकारियों को ही लपेटते हुए कहते हैं कि कोई अधिकारी धान खरीदी करके दिखाए. सीधे अधिकारियों को चैलेंज करने वाले ऐसे प्रभारियों को अधिकारियों का ही संरक्षण खुले तौर पर प्राप्त है.
धान खरीदी केंद्र कांसा से मिली जानकारी के मुताबिक यहां के प्रभारी जय लाल साहू कहते हैं कि बोरे के वजन को बराबर करने के लिए बोरा रखा जाता है लेकिन यहां पर देखने को मिला कि कांटा झुका कर भी लिया जा रहा है. जिसमें कम से कम 2 किलो धान अतिरिक्त किसानों से लिया जा रहा है. इस संबंध में भी कई प्रकार की सफाई धान खरीदी प्रभारी देते हुए नजर आए. कांसा के प्रभारी की शिकायत पहले भी अधिकारियों तक पहुंच चुकी है लेकिन इसके खिलाफ अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं होना सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर रहा है.
प्रभारी को अधिकारियों का खुला संरक्षण
डभरा क्षेत्र में सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. यहां के खरीदी केंद्रों में पूरी तरह से किसानों के शोषण करने का काम बदस्तूर जारी है. जब इस बात की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाती है तब भी कार्रवाई के नाम एक बिंदु तक नहीं लगाई जाती. पहले भी इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कई किस उच्च अधिकारियों के सामने आ चुके हैं. माना जाता है कि डभरा क्षेत्र पूरे जिले में सबसे ज्यादा सिंचित क्षेत्र है और साथ ही किसानों की संख्या भी अन्य स्थानों की तुलना में अधिक है. यहां के उपार्जन केंद्र भी बड़े हैं लेकिन जिस प्रकार यहां गड़बड़ियां उजागर हो रही है निसंदेह यह सहकारिता विभाग को सवालों के घेरे में ला रहा है.