Home News छत्तीगढ़ कैबिनेट का फैसला, इन हथियारों के समर्पण पर मिलेगी अनुग्रह राशि

छत्तीगढ़ कैबिनेट का फैसला, इन हथियारों के समर्पण पर मिलेगी अनुग्रह राशि

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मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में लिए गए कई निर्णयों के साथ ही नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण नीति में सरकार ने और ज्यादा उदारता दिखाते हुए बड़े निर्णय लिए हैं।

अब अलग-अलग तरह के हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने लिए अनुग्रह राशि की नई दरें तय की गई हैं। मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को उनके विभिन्न शस्त्रों पर अनुग्रह राशि देने के पूर्व के प्रावधानों में शामिल हथियारों के अलावा अब अन्य शस्त्रों के लिए भी अनुग्रह राशि तय की गई है।

नए निर्णय के मुताबिक रॉकेट लांचर 84 एमएम के साथ आत्मसमर्पण करने पर 5 लाख, त्रिर्ची असाल्ट (टीएआर) पर 3 लाख, इंसास रायफल के साथ आत्मसमर्पण करने पर 1.50 लाख, एक्स 95 असाल्ट रायफल/एमपी 9 टेक्टिकल पर 1 लाख, एक्स केलिबर 5.56 एमएम पर 60 हजार, यूबीजीएल अटेचमेंट पर 40 हजार, 315 बोर रायफल पर 30 हजार, ग्लाग पिस्टल 9 एमएम पर 25 हजार, प्रोजेक्टर 13/ 16/मस्केट रायफल/यूबीजीएल सेल पर 2 हजार की अनुग्रह राशि शासन द्वारा दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा 16 नवम्बर 2015 को जारी आदेश में नक्सल पीड़ित व्यक्तियों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए विस्तृत प्रावधान किए हैं, जिनमें एक प्रावधान यह भी है कि आत्मसमर्पित नक्सलियों ने यदि शस्त्रों के साथ समर्पण किया है, तो उसे समर्पित शस्त्रों के बदले मुआवजे के रूप में शासन द्वारा अनुग्रह राशि स्वीकृत की जा सकेगी, जिसमें एलएमजी के लिए 4.50 लाख, एके-47 के लिए 3 लाख, एसएलआर रायफल के लिए 1.50 लाख, थ्री-नॉट-थ्री रायफल के लिए 75 हजार, 12 बोर बंदूक के लिए 30 हजार, 2 इंच मोर्टार के लिए 2.50 लाख, सिंगल शॉट गन के लिए 30 हजार, 9 एमएम कार्बाइन के लिए 20 हजार, पिस्टल/ रिवाल्वर के लिए 20 हजार, वायरलेस सेट के लिए 5 हजार, रिमोट डिवाईस के लिए 3 हजार, आईआईडी के लिए 3 हजार, विस्फोटक पदार्थ के लिए 1000 स्र्पये प्रति किलो, ग्रेनेड/जिलेटिनरॉड के लिए 500 रुपए और सभी प्रकार के एम्युनिशन के लिए 5 हजार प्रति एम्युनिशन का प्रावधान रखा गया है। इस कड़ी में गुरुवार को केबिनेट की बैठक में नए प्रावधान जोड़े गए।

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