छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. छत्तीसगढ़ बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इसमें 21 नामों पर मुहर लगाई गई है.
सामने आ रहा है कि बिलासपुर जिले की विधानसभा सीटों पर इस पर बीजेपी अपने प्रत्याशियों को बदल सकती है. पुराने चेहरों की जगह नए लोगों को टिकट दिया जाएगा.
बिलासपुर जिले को लोकसभा सीट के हिसाब से देखा जाए तो यहां 8 विधानसभा सीट हैं. कहा जा रहा है कि इनमें से चार विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी अपने प्रत्याशी बदल सकती है. मौजूदा राजनीतिक समीकरण देखें तो स्पष्ट हो जाता है कि जहां प्रत्याशी बदले जाने से जीत को बरकरार रखा जा सकता है. उन सीटों पर नए लोगोंं को उतारा जाएगा. अब पार्टी के लोगों को दूसरी सूची का इंतजार है. जीतने वाले प्रत्याशियों की तलाश भारतीय जनता पार्टी गाइडलाइंस के अनुसार लगातार कर रही है.
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को मिली थी करारी हार
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में साल 1998 से 2003, 2008, 2013 तक पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का कब्जा रहा है. इतना ही नहीं अमर अग्रवाल राज्य में बड़े विभागों में मंत्री भी रहे हैं. मगर, साल 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ने वाले शैलेश पांडे ने उन्हें भारी मतों से हरा दिया था. यह हार इतनी जबरदस्त थी कि पहले पहल भाजपा प्रत्याशी को इस चुनाव परिणाम पर विश्वास नहीं हो रहा था. पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी इतनी जोरदार थी कि उन्हें रिकार्ड मतों से हार का मुंह देखना पड़ा था.
ऐसे में संभव है कि इस बार की पार्टी उन्हें टिकट देकर हारता देखने के बजाय किसी ऐसे प्रत्याशी पर दांव खेल सकती है जो कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे की तरह ब्राह्मण वर्ग से हो और भारतीय जनता पार्टी को विचारधारा के साथ ज्यादा फिट बैठता हो. ऐसे कुछ प्रत्याशी इस वक्त बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं. कुछ बेहद पुराने RSS पदाधिकारी भी इस सूची में सबसे आगे चल रहे हैं.
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मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने जारी की पहली लिस्ट, देखें किसे कहां से मिला टिकट
क्या मुंगेली विधानसभा सीट से बदला जाएगा प्रत्याशी?
बीजेपी के भीतर इस वक्त कई तरह के आंतरिक बदलाव देखे जा रहे हैं. पहली सूची ने ही यह साबित कर दिया है कि अब बीजेपी केवल विनिंग कैंडिडेट पर ही भरोसा करने वाली है. मुगली विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुन्नू लाल मोहले पार्टी को लगातार जीत दिलाते आए हैं.मगर, बीते कुछ सालों में उनकी लोकप्रियता कम हुई है. हो सकता है कि बीजेपी उनको फिर से टिकट नहीं दे. पुन्नू लाल मोहले की बढ़ती उम्र भी उनको टिकट मिलने में आड़े आ सकती है.
लोरमी विधानसभा क्षेत्र से किसे मिलेगा टिकट?
लोरमी विधानसभा क्षेत्र के वोटर पार्टी की जगह प्रत्याशी को देखकर अपना वोट देते हैं. तीन बार विधायक बन चुके धर्मजीत सिंह जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे ) को छोड़कर BJP में शामिल हो चुके हैं. कहा जा रहा है कि अब बीजेपी उन्हें जहां से टिकट देगी धर्मजीत वहां से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी लोरमी विधानसभा से ही उन्हें टिकट दे सकती है.
धर्मजीत सिंह को लोरमी से टिकट मिलता है तो बीजेपी अपने पुरानी प्रत्याशी को टिकट नहीं देगी. क्योंकि, धर्मजीत सिंह मूल रूप से कांग्रेसी नेता हैं और बीते कई सालों से उन्होंने कांग्रेस में अपना बहुमूल्य समय बिताया है. इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के पृथक से अस्तित्व में आने के दौरान उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित की थी.
कोटा विधानसभा क्षेत्र में भी बदलाव
कोटा विधानसभा सीट सामान्य सीट है. इसमें अविभाजित मध्य प्रदेश में ब्राह्मण कैंडिडेट ही जीत कर आता है और यह सीट कांग्रेस का गाना मानी जाती है. पहली बार गैर ब्राह्मण के रूप में रेनू जोगी विधायक बनीं. जो साल 2018 में नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से एमएलए बनकर आई थीं. वहीं, दो बार से ओबीसी वर्ग के कैंडिडेट को बीजेपी ने मौका दिया और हार का मुंह देखना पड़ा. इस बार पार्टी नया कैंडिडेट इस सीट पर उतार सकती है.
मस्तूरी और बिल्हा विधानसभा सीट का हाल
मस्तूरी विधानसभा सीट से बीजेपी नेता डॉ. कृष्णमूर्ति लंबे समय चुनावी मैदान में उतरने आ रहे हैं. मौजूदा समय में वे मस्तूरी विधानसभा के लोकप्रिय विधायकों में से एक है. बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के जिताऊ प्रत्याशियों में से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का नाम है. कभी बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से हार का मुंह देख चुके धरमलाल कौशिक इस वक्त बीजेपी के विनिंग कैंडिडेट में से एक हो सकते हैं. मगर, दबी जुबान पर बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से कैंडिडेट बदले जाने की खबरें अभी से आने लगी हैं. इन खबरों में कितनी सत्यता है यह निकट भविष्य में भारतीय जनता पार्टी की दूसरे लिस्ट के जारी होते ही स्पष्ट हो जाएगी.
बैठक में 4 कैटेगिरी में बांटी गईं सीटें
बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति के बैठक में मुख्य सीटों को लेकर काफी गहन चर्चा की गई. सूत्रों की मानें तो राज्यों की सीटों को चार कैटेगिरी में बांटा गया है. इन्हें A,B,C और D कैटेगरी में रखकर चर्चा हुई. टिकट बंटवारे को आसान बनाने के लिए विधानसभा सीटों को 4 हिस्सों में बांट दिया गया है. A कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अक्सर जीत हासिल करते हैं. B कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जिनमें हार और जीत पिछले चुनाव में हो रही है. C कैटेगरी में उन विधानसभा क्षेत्रों को रखा गया है जिसमें पार्टी के उम्मीद दो बार हार चुके. वहीं, D कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जहां BJP कभी नहीं जीती और जिन पर उनकी स्थिति काफी खराब रही है.