छत्तीसगढ़ में आज प्रदेश कांग्रेस बड़ी संख्या में रेल रोको आंदोलन करने जा रही है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में हर जिले में इस आंदोलन को अंजाम दिया जाएगा. बैज की मानें तो मोदी सरकार द्वारा लगातार यात्री ट्रेनों को रद्द करने, लेटलतीफी के विरोध और यात्री ट्रेनों की सुविधाओं की बहाली की मांग को लेकर यह आंदोलन किया जाएगा.
जहां रेलवे ट्रेक नहीं है वहां पर आंदोलन प्रदर्शन कर जिलाधीश को ज्ञापन देकर विरोध किया जाएगा.
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें रेलवे को नागरिकों की सुविधा के लिए चलाती थी, लेकिन मोदी सरकार कमाने के लिए और जनता को लूटने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है. रेलवे द्वारा जनता को मिलने वाली सारी सुविधाओं को बंद कर दिया गया. वृद्ध, विकलांग, छात्रों की सुविधाओं को ही बंद कर दिया. रेलवे स्टेशन पर टिकट बिक्री बंद कर टिकटों के दाम बढ़ा दिए गए. मोदी सरकार इतनी क्रूर और अमानवीय और गैर जिम्मेदार हो चुकी है कि एक्सप्रेस ट्रेनों को गंतव्य स्थान पहुंचने के पहले बीच रास्ते में रद्द कर घोषणा कर दी जाती है कि ट्रेन आगे नहीं जाएगी.
उन्होंने कहा कि आजादी के पहले से रेल आम आदमी की यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण साधन है. मोदी सरकार ने इसको तबाह कर दिया है. सरकार की मनमानी पर भाजपा के सांसद मौन रहकर आम जनता की पीड़ा को बढ़ाने में लगे हुए हैं. भाजपा के 9 सांसदों के निष्क्रियता का नुकसान छत्तीसगढ़ की जनता को उठाना पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ की जनता के परेशानियों में कभी भी भाजपा के सांसद जनता के पक्ष में खड़े नहीं हुए. बीते कुछ महीनों से 2600 से अधिक ट्रेन बंद हुई थीं, जिसके कारण प्रदेश के यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अचानक ट्रेन रद्द कर दी जाती है, महीनों पहले यात्रा के लिए आरक्षित टिकटों को भी रद्द कर दिया जाता है, जिससे रेल यात्री बेहाल हैं और रेलवे से लोगों का भरोसा भी उठने लगा है.
बीते 1 महीने में रद्द की गई ट्रेनों की जानकारी
- 16 से 23 अगस्त के बीच 9 ट्रेनों को रद्द किया गया.
- रक्षाबंधन के दौरान कई ट्रेनें कैंसिल की गई. 17 से 29 अगस्त के बीच 20 ट्रेनें रद्द कर दी गई.
- 23 से 28 अगस्त के बीच चार गाड़ियों को रद्द किया गया.
- 2 से 8 सितंबर तक 22 ट्रेनों को रद्द किया गया. वही लंबी दूरी के दो ट्रेनों के मार्ग को परिवर्तित किया गया.
- 2 सितंबर से 14 अक्टूबर तक दो ट्रेनों को रद्द की गई. वहीं, चार ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किया गया.
- 3 से 13 सितंबर के बीच 16 ट्रेनों को रद्द किया गया, जिसमे पैसेंजर और लोकल ट्रेन शामिल है.
- 8 से 9 सितंबर के बीच लंबी दूरी वाली 8 ट्रेनों को रद्द किया गया. वहीं 5 अन्य ट्रेनों को छत्तीसगढ़ से शुरू होने से पहले ही रद्द कर दिया गया.
रेलवे की ओर से रद्द ट्रेनों की दी गई जानकारी
इस वर्ष के अप्रैल से अब तक रेल विकास (नॉन-इंटरलाकिंग) कार्य के दौरान प्रतिदिन औसत चलने वाली यात्री गाड़ियों में से महज 1 प्रतिशत से भी कम को कैंसिल किया गया. इसी प्रकार इस साल के अप्रैल से सितंबर महीने तक रेल विकास कार्यों (नॉन-इंटरलाकिंग) के दौरान प्रतिदिन चलने वाली औसत यात्री गाड़ियों में से महज 1 प्रतिशत से भी कम को कैंसिल किया गया. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में प्रतिदिन औसत 247 मेल/एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता है . इन 6 महीनों में 35 दिनों के कार्य के दौरान कुल 28 ट्रेनों को कैंसिल किया गया, जो कि प्रतिदिन चलने वाली गाड़ियों का महज 1 प्रतिशत से भी कम है.
अभी हाल ही में सक्ती यार्ड में किए जा रहे कार्य के दौरान रद्द किए गए 7 ट्रेनों को रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए रेलवे द्वारा पुनः परिचालित किया गया . रेलवे द्वारा ज़ारी किए गए आंकड़ों की मानें तो वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेल विकास कार्यों (नॉन-इंटरलाकिंग) के दौरान अप्रैल में दुर्ग-भिलाई एवं एच केबिन, स्टेशनों में कुल 6 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.06 प्रतिशत ट्रेनों को कैंसिल किया गया.
इसी प्रकार मई में रायपुर एवं आरवीएच स्टेशनों के मध्य 2 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.23 प्रतिशत, जून में झारीडीह स्टेशन यार्ड में 2 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.09 प्रतिशत, जुलाई में नैला, गुदमा एवं कांप्टी स्टेशनों में 10 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.47 प्रतिशत, अगस्त में सक्ती एवं जी केबिन स्टेशनों में 6 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.49 प्रतिशत, सितंबर में बधवावारा व कुम्हारी एवं भिलाई स्टेशनों में 9 दिनों के कार्य में केवल 2.23 प्रतिशत ट्रेनों को रद्द किया गया .