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कर्ज संकट दुनिया के लिए बड़ी चिंता का विषय, G20 समिट से पहले PM मोदी का इशारों में चीन पर निशाना!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में इशारों-इशारों में चीन पर निशाना साधा है। उन्होंने बेल्ट एंड रोड और विकास की कई नीतियों पर चीन के कर्ज को लेकर दुनिया को आगाह किया है।

उन्होंने कहा कि कर्ज संकट दुनिया, खासकर विकासशील देशों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत आगामी जी20 शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने का प्रयास करेगा, ताकि इस संबंध में कर्ज से बोझ से दबी कम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं की मदद के लिए एक ठोस रूपरेखा तैयार की जा सके।

‘विकासशील देशों के लिए चिंता की बात है बढ़ता कर्ज’
पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने कर्ज से पैदा होने वाली वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर काफी जोर दिया है। मोदी ने कहा, ”कर्ज संकट वास्तव में दुनिया, खासकर विकासशील देशों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। विभिन्न देशों के नागरिक इस संबंध में सरकारों द्वारा लिए जा रहे फैसलों का अनुसरण कर रहे हैं। कुछ सराहनीय परिणाम भी आए हैं।”

उन्होंने कहा, ”सबसे पहली बात यह है कि जो देश ऋण संकट से गुजर रहे हैं या इससे गुजर चुके हैं, उन्होंने वित्तीय अनुशासन को अधिक महत्व देना शुरू कर दिया है।” पीएम ने कहा, ”दूसरा, जिन्होंने कुछ देशों को ऋण संकट के कारण कठिन समय का सामना करते देखा है, वे उन्हीं गलत कदमों से बचने के लिए सचेत हैं।”

कर्ज पुनर्गठन के प्रस्तावों पर सहमत नहीं है चीन
भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के तहत बढ़ती कर्ज समस्याओं का सामना करने वाले देशों की मदद के लिए ऋण पुनर्गठन पर लगातार जोर दिया है। गौरतलब है कि चीन, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी कर्जदाता माना जाता है, वह ऋण पुनर्गठन के कुछ प्रस्तावों पर सहमत नहीं है। हालांकि, बड़ी संख्या में जी20 सदस्य देश कम आय वाले देशों को संकट से मुकाबला करने में मदद की वकालत कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, 70 से अधिक कम आय वाले देशों पर कुल 326 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज है।

‘श्रीलंका की जरूरतों के प्रति संवेदनशील रहे’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों ने ऋण समाधान में अच्छी प्रगति को स्वीकार किया है।” उन्होंने कहा, ”हम कठिन समय के दौरान अपने मूल्यवान पड़ोसी श्रीलंका की जरूरतों के प्रति भी काफी संवेदनशील रहे हैं।” पीएम ने कहा, ”वैश्विक ऋण पुनर्गठन के प्रयासों में तेजी लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्व बैंक और जी20 अध्यक्षता की एक संयुक्त पहल – ‘ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल’ की शुरुआत इस साल की गई थी। इससे प्रमुख हितधारकों के बीच संवाद मजबूत होगा और प्रभावी तरीके से ऋण संकट से निपटने में मदद मिलेगी।”

मोदी ने उम्मीद जताई कि इस समस्या पर विभिन्न देशों के लोगों के बीच बढ़ती जागरूकता यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी स्थिति बार-बार न पैदा हो। उन्होंने कहा, ”हालांकि, इन मुद्दों के समाधान के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है, और मुझे विश्वास है कि विभिन्न देशों के लोगों के बीच बढ़ती जागरूकता यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी स्थिति बार-बार न पैदा हो।”

बता दें कि भारत जी20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में 9-10 सितंबर को शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इसमें अमेरिका, चीन समेत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले 20 देश पहुंचेंगे।