भारत में जर्मन दूतावास देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का कायल हो गया है. उसने जमकर भारतीय UPI की तारीफ की. इसको लेकर उसने कुछ तस्वीरें X (ट्विटर) पर साझा कीं, जोकि देखते ही देखते वायरल हो गईं.
दरअसल, जर्मनी के संघीय डिजिटल और परिवहन मंत्री वोल्कर विसिंग सब्जी की एक दुकान पर पहुंचे थे, जहां उन्हें खरीदारी करते हुए देखा गया, जिसके बाद उन्होंने UPI से पेमेंट किया. वह G-20 डिजिटल मंत्रियों की बैठक में भाग लेने भारत दौरे पर आए थे.
भारत में UPI पेमेंट सिस्टम इस कदर लोकप्रिय हुआ है कि हर सब्जी बेचने वाले से लेकर रेहड़ी लगाने वाले तक इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इस सिस्टम के लिए फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर ने भारत के साथ साझेदारी की है. बीते दिनों फ्रांस दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि भारत और फ्रांस ने UPI पेमेंट सिस्टम के इस्तेमाल को लेकर हाथ मिलाया है.
सिंगापुर में UPI की एंट्री भले ही अब हुई हो, लेकिन दुनिया के कई देश पहले से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. RuPay के जरिए भूटान, नेपाल, मलेशिया, ओमान, UAE, UK, यूरोपियन यूनियन के कुछ देशों और इनमें भी फ्रांस में UPI का इस्तेमाल हो रहा है. इसके अलावा नेपाल तो UPI लागू करने वाला भारत के बाहर पहला देश है.
दुनिया के 30 देशों में UPI की हो सकती एंट्री
वहीं कुछ देश ऐसे हैं, जो अगले चरण में जुड़ सकते हैं. जिसमें आस्ट्रेलिया, कनाडा, कंबोडिया, वियतनाम, जापान और ताइवान जैसे दुनिया के करीब 30 देशों में UPI की एंट्री की कोशिश हो रही है. यानी UPI ग्लोबल होने वाला है. ये भारत की बहुत बड़ी शक्ति है. इसे आप भारत की मनी पावर भी कह सकते हैं.
अब जब UPI इतने देशों में पहुंच रहा है तो जल्द इसका भी रिविजन कर लेते हैं कि UPI क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?
- UPI का फुल फॉर्म है Unified Payments Interface
- ये एक मोबाइल बेस्ड फास्ट पेमेंट सिस्टम है
- इसमें एक वर्चुअल आईडी बनती है
- इसी वर्चुअल आईडी की मदद से तुरंत पैसे ट्रांसफर होते हैं
- 11 अप्रैल 2016 को भारत सरकार ने इसकी शुरुआत की थी
- फिलहाल दुनिया के 10 से ज्यादा देशों में इसे इस्तेमाल किया जा रहा है
UPI सिस्टम की ये नई ऊंचाई भारत में डिजिटल क्रांति का प्रतीक है. ये संकेत है कि किस तरह पूरी दुनिया में हिन्दुस्तान का डिजिटल दम और तेजी से बढ़ने वाला है.
- अगर 2022 के अक्टूबर महीने की बात करें तो UPI से लेन देन में 7.7% का इजाफा हुआ.
- सितंबर 2022 में लेन देन 11.16 लाख करोड़ रुपए का था, जबकि इस एक महीने में 678 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए थे.
- वहीं अक्टूबर 2022 में लेन-देन 12.11 लाख करोड़ रुपए का था, जबकि एक महीने में 730 करोड़ ट्रांजेक्शन थे.
- भारत में UPI से रोज औसतन 22 करोड़ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होते हैं.