उत्तराखंड में बागेश्वर उपचुनाव के लिए भाजपा ने दिवंगत विधायक चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने जोर शोर से बागेश्वर को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है।
16 अगस्त को भाजपा प्रत्याशी नामांकन कराएंगी। इसके बाद भाजपा का प्रचार प्रसार तेज हो जाएगा।
बागेश्वर का उपचुनाव जीतने को भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया है। पहले कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रणजीत दास को अपने पाले में लाकर भाजपा ने साफ कर दिया कि वे बागेश्वर को एक तरफा जीत कर दिखाएंगे। हालांकि कांग्रेस ने आप के नेता बसंत कुमार को अपने पाले में लाकर मुकाबला बराबरी का करने का कोशिश की है। लेकिन सत्ताधारी पार्टी ने दिवंगत विधायक को श्रद्धांजलि देकर इस चुनाव को जीताने की जनता से भावुक अपील कर सहानुभूति का कार्ड भी खेलने की कोशिश की है।
चुनाव नजदीक आते ही सियासत और आरोप प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। भाजपा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा पर बागेश्वर उपचुनाव की प्रक्रिया में शामिल होने वाले कर्मचारियों को धमकाने का गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही इसे संभावित हार को देखते हुए कांग्रेस की हार के लिए अभी से बहाने तलाशने की कोशिश और बौखलाहट बताया। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के बागेश्वर में दिए सरकारी कर्मचारियों को धमकाने वाले उस बयान को आपत्तिजनक बताया है जिसमे माहरा ने चम्पावत उपचुनाव में लगे कर्मचारियों पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए बागेश्वर चुनावों में यही गलती नहीं दोहराने के लिए धमकाया है।
साथ ही सभी पर निगाह रखने की चेतावनी भी दी है। चौहान ने कहा कि बागेश्वर की जनता में स्वर्गीय चंदन राम दास के किए कार्यों और भाजपा के प्रति विश्वास देखकर कांग्रेस घबरा गई है। यही वह है कि चम्पावत चुनाव की तरह यहां भी संभावित करारी हार को देखते हुए पूरी तरह बौखला गई है और सरकारी कर्मचारियों को धमकाने पर उतर गई है। चौहान ने कहा कि कर्मचारियों पर दबाव बनाने के अतिरिक्त, हमेशा की तरह संभावित हार को देखते हुए पहले से ही बहाने तलाशना कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है । इस सबके पीछे उसकी कोशिश एक तीर से दो निशाने साधने की है, ताकि बाद में हार को लेकर चुनाव की निष्पक्षता, ईवीएम में गड़बड़ी आदि तमाम आरोप लगाए जा सकें।