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Wayanad Seat: वायनाड सीट पर कांग्रेस का रहा है हमेशा दबदबा, क्या उपचुनाव में लोग विश्वास दिखा पाएंगे?

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Wayanad Seat: कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद केरल की वायनाड सीट खाली हो गई है. साथ ही सभी की नज़रे अब उपचुनाव पर टिकी हैं.

वहीं कुछ लोगों का अनुमान है कि चुनाव आयोग सितंबर में वायनाड लोकसभा के लिए उपचुनाव करा सकता है.

दरअसल, सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के आरोप में दोषी ठहराया था. इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को अयोग्यता करार दे दिया.

वायनाड सीट कब आया अस्तित्व में?

वायनाड जब से अस्तित्व में आया है वहां हर बार कांग्रेस को ही जीत मिली है. केरल में मुख्य लड़ाई कांग्रेस बनाम लेफ्ट में है. जबकि बीजेपी वहां बहुत बड़ी भूमिका में नहीं है. जैसे-जैसे वाम दलों की पकड़ ढीली होती गई. इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलता गया. वायनाड सीट केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक तीनों प्रांतों को जोड़ने वाला क्षेत्र है और तीनों ही प्रांत कांग्रेस प्रभावित क्षेत्रों में आतें हैं. साल 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नज़र डालें तो वायनाड में कांग्रेस पार्टी की टक्कर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया से रही है.

इस लोकसभा सीट का इतिहास लंबा नहीं हैं. 2008 में परीसीमन के बाद इसे लोकसभा सीट के रूप में घोषित किया गया. यहां पर पहली बार 2009 में चुनाव हुए. पहले चुनाव में ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई ) कैंडिडेट एडवोकेट एम. रहमतुल्ला को कांग्रेस उम्मीदवार एमआई शनावास ने लगभग 1,53,439 वोटों से हराया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने ही बाजी मारी थी. कांग्रेस कैंडिडेट शनावास ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सीपीआई उम्मीदवार पीआर सत्यन मुकरी को 20,870 वोटों से मात दी थी.

2019 लोकसभा चुनाव और कांग्रेस

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट पर 431,770 मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी. गांधी ने अपने प्रतिद्वंद्वी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी.पी. सुनीर को 4.31 प्रतिशत से पराजित किया जिन्हें 274,597 वोट मिले थे.

जनसंख्या यहां पर किसकी है ज्यादा

वायनाड लोकसभा क्षेत्र में लगभग 90 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण आबादी है. हालांकि सोशल मीडिया में लोग दावा करते हैं कि मुस्लिम वोटर्स की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है. 2011 के जनगणना के अनुसार इस जिले की कुल आबादी 8,17,420 रही है. जिसमें पुरुषों की 401,684 और महिलाओं की 415,736 थी. हिंदू आबादी यहां पर 404,460 (49.48%) निवास करती है, साथ ही मुस्लिम 2,34,185 ( 28.65%) जनसंख्या है, ईसाई समुदाय की यहां पर बात करे तो 1,74,453 (21.34%) थी. बीबीसी के अनुसार वायनाड जिले में 80 से ज्यादा गांव हैं.