छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के जंगल से कोरबा जिले के कोरबा वन मंडल के जंगल में प्रवेश कर लगातार उत्पात मचा रहे और आतंक का पयार्य बने ‘बसंती’-‘वीरू’ की जोड़ी आज बिछड़ गई। ग्राम पंचायत बेला दे एक किसान की बाड़ी में घुसे ‘वीरू’ को करंट का झटका लगा और उसने दम तोड़ दिया। इस दौरान ‘बसंती’ भी उसके साथ थी। बाड़ी में ‘वीरू’ की लाश पड़ी रही और उसके पास ‘बसंती’ काफी देर तक मंडराती रही। घटना की सूचना बुधवार सुबह वन विभाग को दी गई ।
न्यूज एजेंसी आईएनएस के मुताबिक, वन अमले ने मौके पर पहुंचकर ‘वीरू’ के शव का पोस्टमार्टम और अन्य कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ की है। आतंक का पयार्य बने ‘वीरू’ को देखने के लिए मौके पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। दूसरी ओर ‘वीरू’ से बिछड़ी ‘बसंती’ की हरकतों व गतिविधियों पर वन अमला की ओर से निरंतर निगरानी रखी जा रही है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि हो ना हो ‘वीरू’ से अलग होने के बाद ‘बसंती’ तनाव में या क्रोध में आकर कोई बड़ी घटना को अंजाम न दे डाले।
आपको बता दें कि यह वही नर हाथई है जिसने ‘बसंती’ के साथ मिलकर ग्राम फुटहामुड़ा में आंगनबाड़ी केंद्र भवन में शरण दिलाये गए 22 पहाड़ी कोरवाओं में से दो कोरवा दादी-पोते को मारा था। इसके बाद बालको आवासीय क्षेत्र से लगे वन बैरियर के पास उत्पात मचाया। दर्जनों घर ढहाकर ग्रामीणों को बेघर कर दिया और सामान को नुकसान पहुंचाया। बालको सेक्टर 4 से लगे दैहान पारा बस्ती में घुसकर पार्षद इंदिरा नवरंग के घर में तोड़फोड़ करने के साथ रखा धान चट कर गए। झगरहा बस्ती में घुसकर कार, मोटरसाइकिल और घर को नुकसान पहुंचाया। कुल मिलाकर इनकी दहशत लगातार बनी हुई थी। हालांकि ‘वीरू’ की जान करंट ने ले ली है।
नर हाथी ‘वीरू’ की करंट से मौत के मामले में वन विभाग की ओर से जांच कराने की बात डीएफओ कोरबा एस वेंकटाचलम ने कही है। हाथी को स्वयं से करंट लगा या उसे करंट लगाकर मारा गया? इस बिंदु पर जांच की जा रही है। ‘वीरू’ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विभाग को इंतजार है जिसके मिलने उपरांत जांच में तेजी आने की बात अधिकारियों ने कही है। वैसे इलाके में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि हाथी को करंट लगाकर मारा गया है परंतु सारी स्थितियां जांच पूर्ण होने के बाद ही स्पष्ट होंगी।