बस्तर में स्थापित हो रहे प्रथम स्टील प्लांट के शुरू होने से सयंत्र में काम करने वाले करीब तीन से चार हजार लोगों को सीधे रोजगार और प्लांट के शुरू होते ही लगने वाले सहायक उद्योगों से बस्तर की हजारों युवाओं को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। जिसका पूरा लाभ बस्तर के आर्थिक विकास के रूप में प्राप्त होगा तथा बस्तर एक महत्वपूर्ण मुकाम पर पहुंचेगा। एनएमडीसी के जीएम ऑपरेशन दिलीप मोहंती ने स्थानीय बस्तर चेम्बर और एनएमडीसी स्टील प्लांट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेंडर्स मीट के आयोजन के समय कहा। उन्होंने कहा कि 22 हजार करोड़ रुपये की लागत से यह संयंत्र पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इससे शून्य प्रतिशत प्रदूषण ही फैलेगा। यहां पर उपयोग होने वाले पानी का रिसाइकल कर उसका पूरा उपयोग किया जाएगा। इस प्रकार इस प्लांट के शुरू होते ही बस्तर में भी आर्थिक विकास की गतिविधियों तेज होगी और बस्तर प्रगति के पथ पर चल सकेगा। उन्होंने बताया कि इस प्लांट से उत्पादित 3 मिलियन टन इस्पात की खपत देश सहित विदेशों में भी होगी।
इस उत्पादित इस्पात से न केवल कार, ट्रक, रसोईये गैस के सिलेण्डर, जहाज, बिल्डिंग सहित कई निर्माण कार्यो में सुविधा प्राप्त होगी वरन देश आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर के युवा बेरोजगारों के लिए एक अच्छा अवसर सामने आया है और वे सहायक उद्योग स्थापित कर जैसे फेब्रीकेशन, मोटर बांइडिंग, विद्युत से संबंधित कार्य और ढलाई तथा विभिन्न प्रकार की मशीनों के कलपुर्जे बनाने से लेकर विभिन्न व्यापार धंधों की शुरूआत कर अपनी बेरोजगारी दूर कर ही सकते हैं वरन और भी हजारों लोगों को रोजगार दे सकते हैं।
इसके साथ ही इस्पात संयंत्र की शुरूआत होने से सीमेंट उद्योग, स्क्रेप परियोजना इकाई, होटल, डेयरी, अस्पताल सहित कई समाज के कार्य आने वाली संस्थाएं शुरू कर न केवल अपनी बेरोजगारी दूर कर सकते हैं वरन बस्तर में व्याप्त बेरोजगारी सहित अन्य समस्याओं का समाधान भी स्वयं कर सकते हैं। वे अधिक से अधिक मात्रा में इसका लाभ उठाकर सामने आएं और स्थानीय बस्तर चेम्बर से संपर्क कर लाभ उठायें।