छत्तीसगढ़ के 11 छोटे शहरों-कस्बों में नई पानी सप्लाई की लाइनें बिछाने के लिए अमृत मिशन के दूसरे चरण को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके लिए 540 करोड़ रुपए का फंड स्वीकृत हुआ है। जिन 11 कस्बों को प्रोजेक्ट में रखा गया है, उनमें से 4 रायपुर से लगे हुए हैं। सभी 11 कस्बों में रायपुर से लगा कुम्हारी अकेली नगरपालिका है, बाकी सब नगर पंचायतें हैं।
दरअसल, शासन ने छोटे शहरों और कस्बों में अधिकांश घरों तक नल पहुंचाने की योजना बनाई थी, जिसे अमृत मिशन के दूसरे चरण में रखा गया है। पूरा प्लान 2200 करोड़ रुपए का है। पहले चरण में 38 छोटे शहर और कस्बे शामिल किए गए हैं। इसी के तहत मिशन के दूसरे चरण में पहले 11 कस्बों का चयन किया गया है।
दिसंबर के पहले हफ्ते में 540 करोड़ के इन कामों का टेंडर निकाला जा रहा है। इसके अगले 15 दिन के अंदर वर्क आर्डर भी कर दिया जाएगा। जो भी एजेंसियां इन शहरों में काम करेंगी, वो अगले पांच साल तक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पानी की टंकियां, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के साथ घरों तक नल पहुंचाने की जिम्मेदार भी होंगी।
यही कंपनियां पांच साल तक अपने-अपने कार्यक्षेत्र में नई सप्लाई लाइनों का संचालन और मेंटेनेंस करेंगी। इन छोटे शहरों के लिए पानी का इंतजाम आसपास के सरफेस वाटर यानी नदियों, बैराज, एनीकट, बांध आदि से किया जाएगा। जिन कस्बों को चुना गया है, उनके आसपास पानी के अच्छे स्त्रोत हैं।
इन छोटे शहरों में : माना कैंप, मंदिरहसौद, चंदखुरी, कुम्हारी (नगर पालिका), समोदा, प्रेमनगर, बोदरी, फिंगेश्वर, नई लेदरी, खोंगापानी और झगराखंड।
कस्बों में हर व्यक्ति को रोज 135 लीटर पानी
प्रदेश में आने वाले एक साल में छोटे शहर और कस्बों में नल-जल योजना का कायाकल्प कर देंगे। 540 करोड़ से चुने गए शहर-कस्बों में हर सप्लाई बढ़ाकर हर व्यक्ति को रोजाना 135 लीटर पीने का पानी मिलेगा। 45 हजार से अधिक घरों तक नल पहुंचाए जाएंगे। 587 किमी पाइपलाइन बिछाई जाएंगी। इन शहर और कस्बों में 8 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए हर दिन करीब 35 एमएलडी पानी शुद्ध किया जाएगा। वहीं 24 नई और बड़ी पानी की टंकियों से इनमें पेयजल की स्टोरेज क्षमता में 19 हजार किलो लीटर से अधिक की बढ़ोतरी भी होगी।
दिसंबर में टेंडर, 15 दिन में वर्कऑर्डर भी
अफसरों के मुताबिक चुने गए इन 11 कस्बों और शहर में अमृत मिशन की पाइपलाइनें बिछाने के लिए दिसंबर के पहले हफ्ते में ही टेंडर कर दिए जाएंगे। उसके 15 दिन बाद सभी प्रोजेक्ट का वर्क आर्डर हो जाएगा। अर्थात इनमें से कई शहरों में साल खत्म होने से पहले ही काम भी शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है, अमृत मिशन के दूसरे चरण में कुल मिलाकर 2200 करोड़ रुपए से अधिक के काम होने हैं।
ऐसे समझें प्रोजेक्ट
चयनित कस्बे – 11
फंड – 540 करोड़
नई टंकियां – 24
ट्रीटमेंट प्लांट – 08
नए नल – 45 हजार
क्षमता(केएल) – 19 हजार
मिशन कस्बों की ओर
छत्तीसगढ़ अब अमृत मिशन के दूसरे चरण में कस्बों की ओर बढ़ गया है। चुने गए सभी कस्बों में नए नलों के साथ प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी की उपलब्धता 135 लीटर बढ़ जाएगी, जो 100 या उससे भी कम है।