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नक्सली शहीद सप्ताह में रेल एवं सड़क यातायात ठप

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नक्सलियों द्वारा शहीद सप्ताह मनाए जाने के आह्वान पर आज पहले दिन बस्तर में आमतौर पर शांति रही। नक्सली इलाकों में कारोबार ठप रहा| वाहनों की आवाजाही अवरूद्ध रही। नक्सली खौफ के चलते किरंदुल से वाल्टेयर के मध्य संचालित होने वाली एकमात्र पैसेंजर ट्रेन किरंदुल तक नहीं चली। आज बंद के दौरान ऐहतियात बरत रही सुकमा जिला पुलिस ने जगरगुंडा-पोलमपल्ली मार्ग से 5-5 किलो के वजनी दो आईईडी बरामद की है। उक्त आईईडी नक्सलियों ने बैनर एवं पोस्टरों की नीचे छिपा रखी थी ताकि पुलिस जवान उसे उठाते ही विस्फोट का शिकार हो जाएं। इधर बंद से पूर्व बीती शाम नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में एनएमडीसी की ड्यूटी पर लगी एक एसयूवी को आगे के हवाले कर दिया।

गाड़ी में मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल फोन लूटकर नक्सली जंगलों की तरफ भाग निकले। कर्मचारियों ने बताया कि 25 से 30 की संख्या में माओवादी अचानक सड़क पर आ धमके और गाड़ी को रोक लिया| सभी को डराया धमकाया और गाड़ी से उतरने को कहा। माओवादियों ने यहां पम्प हाउस के केबल वायर को भी आग के हवाले कर दिया। रेलवे सूत्रों के अनुसार किरंदुल-विशाखापटनम रेल लाइन में संचालित होने वाली पैसेंजर ट्रेन 28 जुलाई से 3 अगस्त तक किरंदुल नहीं जाएगी। इस अवधि में पैसेंजर वाल्टेयर से जगदलपुर तक संचालित होगी।

रेल प्रशासन ने पूर्व हमलों को गंभीरता से लेते हुए यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर केके लाइन में संचालित पैसेंजर ट्रेन को किरंदुल की बजाय जगदलपुर तक ही चलाने का निर्देश जारी किया है। इस मार्ग पर रात्रि सात से सुबह छह बजे तक मालगाड़ियों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है। इलाकों में यात्री वाहनों समेत अन्य मालवाहक वाहनों के पहिए थमे रहे। नक्सलियों ने बंद के दौरान वाहन नहीं चलाने की चेतावनी दी थी| इसीलिए कोई भी बस संचालक जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।

संभाग एवं जिला मुख्यालयों से नक्सली क्षेत्रों में जाने वाली यात्री बसें जगदलपुर से रवाना ही नहीं हुईं। टैक्सी चालकों ने भी वाहनों का परिचालन बंद रखा। नक्सलियों ने बस्तर संभाग के विभिन्न इलाकों में बीती रात हस्तलिखित पर्चे व पोस्टर चस्पा किए हैं। पर्चे और बैनरों में सीपीआई (माओवादी) की ओर से गांव-गांव में शहीद सप्ताह मनाने, जिसमें शोक सभाओं व बैठकों में भाग लेकर मृत नक्सलियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने की अपील की गई है। इधर नक्सल प्रभावित इलाकों में ही बंद का व्यापक असर देखा गया।

बस्तर के शेष कस्बे एवं शहरों में बंद बेअसर रहा। संभाग के सातों जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, जगदलपुर, सुकमा, कोंडागांव एवं कांकेर के अंदरूनी इलाकों में व्यवसायिक कारोबार ठप रहा। हाट बाजार भी नहीं लगे। इन इलाकों में यात्री वाहनों समेत अन्य मालवाहक वाहनों के पहिए थमे रहे। इन इलाकों में जाने वाली यात्री बसें जगदलपुर से रवाना ही नहीं हुईं। टैक्सी चालकों ने भी वाहनों का परिचालन बंद रखा। यात्री वाहन एवं रेलगाड़ी बंद होने से मुसाफिरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, यात्री गंतव्य तक पहुंचने दिन भर भटकते रहे।

उल्लेखनीय है कि नक्सलियों द्वारा शहीद सप्ताह मनाए जाने के ऐलान के बाद से ही संभाग में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। आह्वान को देखते हुए पुलिस ने समुचित तैयारी कर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। गांवों व मुख्य मार्गों में गश्त बढ़ा दी गयी है। थाना व चौकी प्रभारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। नक्सली इलाकोंं का हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है। बस स्टैंड व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर तैनात जवान हर संदिग्ध पर पैनी निगाह रखे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी नाकेबंदी के निर्देश दिये गये हैं।

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