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सावधान! देश में 600 से अधिक अवैध लोन देने वाले ऐप्स, इनसे पैसा लेने से बचें

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देश में इस समय 600 से अधिक लोन देने वाले अवैध ऐप्स (illegal lending apps) चल रहे हैं और वे ऐप स्टोर (app store) पर भी उपलब्ध हैं. यदि आप इनके चक्कर में पड़े तो आपको काफी नुकसान हो सकता है. केंद्र सरकार ने सोमवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा गया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निष्कर्षों के अनुसार 600 से ज्यादा ऐसे ऐप्स मौजूद हैं.

इस खुलासे के बाद अब देश में डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (ऑनलाइन लोन देने वाले ऐप्स) पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है. RBI द्वारा जनवरी में गठित एक कमेटी ने ग्राहकों के हित की सुरक्षा के लिए एक नोडल एजेंसी के गठन का सुझाव दिया गया है.

लोन देने वाले ऐप्स के खिलाफ 2500 से ज्यादा शिकायतें
वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि शिकायत दर्ज करने के लिए आरबीआई द्वारा स्थापित पोर्टल Sachet को जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स के खिलाफ लगभग 2,562 शिकायतें मिली हैं.

RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के दिनों में डिजिटल लोन धोखाधड़ी बढ़ रही है. डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के खिलाफ जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक 2500 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए. इसके बाद कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, यूपी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के लोगों को साथ फर्जीवाड़ा हुआ.

रिजर्व बैंक (RBI) ने जनवरी, 2021 में डिजिटल माध्यम समेत ऑनलाइन मंचों और मोबाइल ऐप के जरिए लोन दिए जाने को लेकर कार्यकारी निदेशक जयंत कुमार दास की अध्यक्षता में एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया था. डिजिटल लोन गतिविधियों में तेजी से उत्पन्न होने वाले व्यावसायिक आचरण और ग्राहक की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्किंग ग्रुप की स्थापना की गई थी, जिसने अपने सुझाव दिए हैं.

RBI ने राज्यों को ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखने को कहा
23 दिसंबर 2020 को, आरबीआई ने आम जनता को “अनधिकृत डिजिटल लोन प्लेटफॉर्म या मोबाइल ऐप की अनैतिक गतिविधियों” के शिकार नहीं होने के लिए आगाह किया था. MoS Finance ने कहा कि इसने लोगों से कंपनी या इस तरह के ऋण की पेशकश करने वाली फर्म को वेरिफाई कर लेने का आग्रह किया. मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने राज्यों को अपने संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से ऐसे प्लेटफॉर्म या ऐप पर नजर रखने के लिए सलाह जारी की है.