भ्रष्टाचार का प्रवाह इतना अधिक तेज है कि कोशिश करने पर भी प्रधानमंत्री सहित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की कोशिश भी इस पर रोक नहीं लगा सकी और अब निर्धन परिवारों को स्मार्टफोन दिये जाने की योजना में भी पहले से ही गोलमाल किये जाने की कोशिश सामने आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना में पूर्व में बनाई गई स्मार्टफोन बांटे जाने वाले परिवारों की सूची का भौतिक सत्यापन पुन: करने पर करीब 5 हजार से अधिक गरीब परिवार बताए पते पर नहीं मिले हैं। उल्लेखनीय है कि गरीब परिवारों को स्मार्ट फोन देने के लिए शुरू की गई संचार क्रांति योजना (स्काई) के तहत 12128 की सूची में से 7087 परिवारों का ही भौतिक सत्यापन हो पाया है बाकि 5 हजार से अधिक निर्धन परिवारों का अस्तित्व ही नहीं मिला है। अब जिनका सत्यापन हो चुका है उन परिवारों को ही स्मार्ट फोन मिलेंगे।
निगम द्वारा कराए गए डोर टू डोर सर्वे में सूची के मुताबिक 5 हजार से ज्यादा परिवार मौके पर नहीं मिले। इस कारण उनका नाम इस योजना से हटा दिया गया है। यह योजना वर्ष 2007-08 में शुरू कर बीपीएल सूची के आधार पर चयनित परिवारों की सूची बनाई गई थी। इसके बाद जब नगर निगम का अमला भौतिक सत्यापन के लिए पहुंचा तो 5041 परिवार उन्हें मिले ही नहीं।