चीन-ताइवान के बीच तनाव (China-Taiwan Clash)लगातार बढ़ता जा रहा है. ताइवान ने अमेरिका से मदद मांगी थी, जिसके बाद अमेरिका और कनाडा के रास्ते जंगी जहाज भेजे गए हैं. इसी बात से चीन की बौखलाहट बढ़ गई है. चीन ने अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है.
अमेरिका के इस कदम के बाद चीन ने बौखलाहट निकालते हुए कहा कि दोनों देशों की इन उत्तेजक कार्रवाइयों ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया है. चीन इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है, जहां से गुजरने के लिए वह चीनी मंजूरी जरूरी मानता है.
चीनी पीएलए ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल शी यी ने कहा, ‘हमने पूरे मामले में दो युद्धपोतों को ट्रैक और मॉनिटर करने के लिए अपनी नौसेना और वायुसेना को भेजा है.’ सीनियर कर्नल शी यी ने जोर देकर कहा कि ताइवान चीन का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि हम हर समय हाई अलर्ट पर हैं. सभी खतरों और उकसावे का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.
पिछले दिनों चीन ने भेजे थे फाइटर जेट
1 से 5 अक्टूबर के बीच करीब चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 150 सैन्य विमानों ने ताइवान के वायु क्षेत्र में घुसपैठ की थी. ताइवान के स्थानीय अखबार के मुताबिक ये बीजिंग की ओर से पिछले कुछ दिनों में ताइवान की सबसे बड़ी घुसपैठ थी. चीन ने अपनी सेना का तेजी से आधुनिकीकरण किया है. ड्रैगन दावा करता है कि ताइवान उसका ही अंग है और ताइवान इसे नहीं मानता और वह लोकतंत्र में विश्वास रखता है.
ताइवान ने अमेरिका से मांगे एफ-16 विमान
चीन से बढ़ते खतरे के बीच ताइवान (Taiwan) ने युद्ध में उतरने का मन बना लिया है. इसके लिए ताइवान ने अमेरिका (America) से जल्द से जल्द एफ-16 लड़ाकू विमानों (F-16 Fighter Jets)की डिलीवरी करने की गुहार लगाई है. ताइवान के अधिकारियों ने वॉशिंगटन से ताइपे को अमेरिकी-निर्मित एफ-16 फाइटर जेट की डिलीवरी में तेजी लाने का आग्रह किया है.
ताइपे टाइम्स ने सीएनएन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के प्रशासन ने ताइवान (Taiwan)के अधिकारियों के साथ ताइवान को अमेरिकी निर्मित एफ-16 (F-16 Fighter Jets)की डिलीवरी में तेजी लाने की संभावना पर चर्चा की है. साल 2019 में ताइवान ने अमेरिका से F-16 फाइटर जेट खरीदने का सौदा किया था, जो करीब 10 साल में पूरा होगा.