केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बीएसएनएल के सस्पेंड चल रहे अकाउंट आफिसर के खिलाफ FIR दर्ज की है। जांच एजेंसी ने अकाउंट आफिसर के बेटे को भी आरोपी बनाया है। मामला वेंडरों के बिल पास कराने में रिश्वत लेने से जुड़ा है। आरोप है कि अकाउंट आफिसर ने बेंगलुरू में रहने वाले अपने बेटे के बैंक खाते में रिश्वत डलवाता था। विजलेंस टीम को अकाउंट आफिसर के बेटे के बैंक खाते में करीब 14 लाख 19 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है।
बीएसएनएल के चीफ जनरल मैनेजर जयंत राजदीन ने सीबीआई को शिकायत की थी। शिकायत के बाद जांच एजेंसी ने बीएसएनएल एमपी सर्किल में तैनात ओंकार प्रसाद पाल और उनके बेटे योगेश पाल समेत अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। ओंकार प्रसाद पाल एडहाक में तैनात था। जांच में पता चला था कि पाल बिना रिश्वत लिए वेंडरों के बिल पास नहीं करता है। रिश्वत की रकम बेंगलुरू में रहने वाले अपने बेटे के बैंक खाते में डलवाता था। नौ महीने के अंदर 14 लाख 91 हजार रुपए उनके बेटे के खाते में जमा हुए हैं। उनके पास योजना, स्थापना, टेलीकाम राजस्व, वित्त के अलावा फाइबर नेटवर्क का काम था। बीएसएनएल ने संदिग्ध वेंडरों की सूची भी सौंपी है।
एजीएम ने की थी जांच
पाल के खिलाफ शिकायत मिलने पर बीएसएनएल के एजीएम विभूति श्रीवास्तव की अगुवाई में जांच समित गठित की गई थी। कमेटी ने पाल द्वारा बिल पास करने का अध्ययन किया गया था। जनवरी में जांच रिपोर्ट डिपार्टमेंट को सौंप दी गई थी। जून में सीबीआई को दी गई। जांच के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया।