बीते दिनों कोटा संभाग में हुई भारी बारिश से व्यापक पैमाने पर तबाही हुई. अब लोगों के जख्मों पर गहलोत सरकार ने सहायता का मरहम (Compensation) लगाया है. बाढ़ की तबाही के बाद अब प्रभावित परिवारों के 9 हजार 749 प्रकरणों में राजस्थान सरकार ने 7 करोड़ 69 लाख 18 हजार 700 रुपये की सहायता राशि स्वीकृत कर सीधे प्रभावित लोगों के बैंक खातों में जमा कराई है. बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों के बैंक खातों में सहायता राशि नहीं पहुंचने पर वे संबंधित तहसील कार्यालय में इसकी सूचना दे सकेंगे. इससे कारणों का पता लगाकर समस्या का निराकरण किया जा सकेगा. ऐसे परिवार अपने बैंक खाते एवं आईएफसी कोड की जानकारी लेकर संबंधित पटवारी अथवा तहसीलदार को सूचित करें.
जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने बताया कि कोटा जिले में जनहानि के 6 प्रकरणों में 24 लाख रुपये तथा 8 घायलों को 16 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है. क्षतिग्रस्त आवासों के 1 हजार 88 प्रकरणों में 7 करोड़ 2 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है. कपड़े, बर्तन इत्यादि नुकसान के 3 हजार 469 प्रकरणों में 66 लाख 29 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जताई थी नाराजगी
बाढ़ के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को फिर सुल्तानपुर और पीपल्दा क्षेत्र के गांवों का दौरा किया था. उन्होंने वहां जो हालात देखे उसके बाद दीगोद एसडीएम को मौके पर ही लताड़ लगाते हुए कहा था कि हालात अभी भी खराब नजर आ रहे हैं. मुआवजे में देरी क्यों की जा रही है? संवेदनशीलता के साथ पीड़ितों की मदद जल्द करनी चाहिए. वहीं, स्पीकर बिरला ने जनसहयोग से 5000 क्षतिग्रस्त हुए मकानों पर टीन शेड लगाने के अभियान की शुरुआत भी की थी.
अगस्त माह की शुरुआत में हुई थी भारी बारिश
उल्लेखनीय है कि इस अगस्त की शुरुआत में कोटा संभाग में कोटा जिले समेत इसके बारां, बूंदी और झालावाड़ में भारी बारिश से बाढ़ के हालात पैदा हो गए थे. इससे भारी संख्या में जानमाल का नुकसान हुआ था. बाढ़ के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने क्षेत्र का एरियल सर्वे किया था.