हेमंत सोरेन मंगलवार को अपनी उम्र के 46 साल पूरे कर रहे हैं और इस उम्र में वह दो बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पहली बार जब वह 2013 में मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी उम्र सिर्फ 38 साल की थी और सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्रियों की फेहरिस्त में एक नाम सोरेन का भी रहा. मंगलवार सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोरेन को ‘हैप्पी बर्थडे’ बोला तो झारखंड के कई हिस्सों में सोरेन का जन्मदिन मनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं. आइए जानते हैं कि क्यों सीएम हेमंत सोरेन का यह जन्मदिन खास है और इंजीनियरिंग स्टूडेंट से राजनेता तक उनका अब तक का सफर कितना खास रहा है.
सबसे पहले हेमंत सोरेन की निजी ज़िंदगी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानिए. झारखंड की राजनीति के प्रमुख नेता रहे शिबू सोरेन के बेटे हेमंत राजनीति में नहीं आना चाहते थे. चुनाव आयोग को दिए उनके हलफनामे के मुताबिक उन्होंने बतौर मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्टूडेंट बीआईटी में एडमिशन लिया था, लेकिन ड्रॉप आउट हुए. कल्पना सोरेन उनकी पत्नी हैं और सोरेन दो बेटों के पिता हैं. राजनीतिक व्यस्तताओं के बावजूद सोरेन अपने परिवार और गांव के साथ तालमेल बनाए रखने का समय निकालते हैं.
युवा और कुशल नेता के तौर पर छवि बनाने वाले सोरेन अपनी पार्टी झामुमो के स्टार प्रचारक के साथ ही प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं. उनकी राजनीतिक कुशलता का उदाहरण यह है कि ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल चुनाव में उनका सहयोग मांगा तो असम चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में रैलियां करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया. राजनीति में तमाम आलोचनाओं के बावजूद तेज़ी से उभरकर शीर्ष तक पहुंचने वाले नेताओं में उन्होंने खुद को पूरी ज़िम्मेदारी से स्थापित किया. अब जानिए उनकी व्यक्तिगत छवि कैसी है.
अन्य नेताओं की तरह कुर्ता पाजामा नहीं, बल्कि शर्ट, पैंट या जीन्स में दिखने वाले सोरेन खुद अपनी कार ड्राइव करते हुए भी दिखे हैं. सिर्फ कपड़ों में ही नहीं, उनका युवा व्यक्तित्व एक लीडर में भी दिखता रहा है. राजनीति प्रतिस्पर्धा के बावजूद वह भाजपा नेता के अस्वस्थ होने पर उन्हें देखने पहुंचने वाले नेताओं में अव्वल थे. खिलाड़ियों को नौकरी और सम्मान देने, युवाओं के लिए योजनाएं बनाने, संवेदनशीलता दिखाने के साथ ही आदिवासी क्रांतिकारी नेता बिरसा मुंडा को प्रेरणा पुरुष बताने वाले सोरेन युवाओं के बीच चहेते नेता माने जाते हैं. मंगलवार को झारखंड में उनके पार्टी कार्यकर्ता और कुछ संस्थाएं भव्य आयोजन करने वाली हैं क्योंकि कोरोना के चलते पिछले साल सोरेन ने अपने जन्मदिन पर कोई भव्य आयोजन न करने की बात की थी.