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खूंटी की घटना के विरोध में आदिवासियों ने निकाला आक्रोश मार्च

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डेमो चित्र

रांची। झारखंड में खूंटी जिले में हाल के घटनाक्रम के विरोध में शुक्रवार को आदिवासियों ने आक्रोश मार्च करते हुए भाजपा सरकार और रघुवर सरकार का पुतला दहन किया गया । सैकड़ों की संख्या में आदिवासियों ने अल्बर्ट एक्का चौक पर राज्य के पुलिस प्रशासन के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त करते हुए नारेबाजी की । इस मौके पर आदिवासी युवा नेता शशि पन्ना ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार हम आदिवासियों का भूमि अधिग्रहण बिल से ध्यान भटकाने के लिए कभी आरक्षण, कभी पत्थलगड़ी का मुद्दा ला रही है । वास्तव में भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में ही पत्थलगड़ी हो रही है और पत्थलगड़ी हम आदिवासियों की संस्कृति, परम्परा से जुड़ा हुआ है । मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण नाग ने खूंटी में प्रशासनिक कार्रवाई को मानवाधिकार और इंसानियत की हत्या करार दिया | उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन असंबैधानिक कार्य कर रहा है । इसलिये राज्यपाल और राष्ट्रपति इसपर तत्काल संज्ञान लें । आदिवासी कार्यकर्ता कालीचरण पाहन ने बोला कहा कि भाजपा सरकार यह सब आदिवासियों की जमीन को छीनने के लिए यह सब कर रही है । लातेहार के बुढ़ा पहाड़ पर हमारे जवान शहीद होते रहें लेकिन वर्तमान सरकार उग्रवादियों से लड़ना छोड़ भोले-भाले आदिवासियों पर दमन करती रहती है ।

हेमंत कुजूर ने कहा कि झारखंड एक आदिवासी राज्य है, जो 5वी अनुसूचि के अंतर्गत आता है । पत्थलगड़ी आदिवासियों के रीति-रिवाज परम्परा से जुड़ा हुआ है और यह सही है । भाजपा सरकार एक ओर कहती है कि वो आदिवासियों की संस्कृति, भाषा को बचाने के लिए कृतसंकल्प है, लेकिन हकीकत में ठीक इसके उलट सरकार आदिवासियों की ज़मीन लूटकर पूंजीपतियों को देने पर अमादा है । आक्रोश मार्च में मुख्य रूप से आकाश तिर्की, कृष्णा लकड़ा विद्या, सोनिया, सुनीता मुंडा, लक्ष्मी पाहन तथा सन्नी भाई और अन्य सैकड़ों लोग मौजूद थे ।

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