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शाह फ़ैसल: अमेरिका को आँख दिखाने वाले सऊदी अरब के शाह की हत्या क्यों हुई थी

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उस साल रबी-उल-अव्वल (इस्लामिक साल का महीना) की 12 तारीख़ को, इस्लाम के पैग़ंबर के जन्म के दिन, सऊदी अरब के शाह फ़ैसल लोगों से मिल रहे थे और कुवैत का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने के लिए वेटिंग हॉल में उनका इंतज़ार कर रहा था.

शाह फ़ैसल के भतीजे फ़ैसल बिन मुसाइद कुवैत के उस प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहे थे. जब प्रतिनिधिमंडल का शाह फ़ैसल से मिलने का समय आया, तो शाह फ़ैसल अपने भतीजे से मिलने के लिए आगे बढे. उसी समय भतीजे ने अचानक अपने जुब्बे से रिवॉल्वर निकाली और शाह फैसल को दो गोलियाँ मार दी. हमलावर ने पहली गोली उनकी ठोड़ी और दूसरी कान पर मारी.

कहा जाता है कि एक तीसरी गोली भी चली थी, जो उन्हें नहीं लगी थी. शाह के एक बॉडीगार्ड ने फ़ैसल बिन मुसाइद पर तलवार का वार किया, जो अभी तक म्यान में ही थी. वहाँ मौजूद देश के पेट्रोलियम मंत्री ने गार्ड से चिल्ला कर कहा कि शहज़ादे को मारना मत. उस समय फ़ैसल बिन मुसाइद इत्मीनान से वहीं खड़े रहे और गार्डों ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया.

शाह़ फ़ैसल को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वो ज़ख्मों को बर्दाश्त नहीं कर सके और उनकी मौत हो गई.

दो दशकों से अधिक समय से सऊदी अरब में पत्रकारिता करने वाले विश्लेषक राशिद हुसैन की एक ऐसे व्यक्ति से अच्छी तरह जान पहचान थी, जो उस समय शाह फ़ैसल के बहुत क़रीब खड़े थे. वह व्यक्ति तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री अहमद ज़की यमानी थे, जो ओपेक के प्रतिनिधिमंडल को, जिसमें कुवैत के मंत्री भी शामिल थे, शाह फ़ैसल से मिलवा रहे थे.

राशिद हुसैन का कहना है, “हो सकता है कि जो सुरक्षा स्क्रीनिंग होती थी, वो न हुई हो. जब गोली चलाई गई तो लोगों को लगा कि अहमद ज़की यमानी को भी गोली लगी है क्योंकि पहले उन्होंने ही फ़ैसल बिन मुसाइद को जा कर पकड़ा था.”

शाह फ़ैसल बिन अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल रहमान अल सऊद के हत्यारे फ़ैसल बिन मुसाइद का उसी साल 18 जून को सऊदी अरब की राजधानी रियाद के सबसे बड़े चौक पर सार्वजनिक रूप से सिर कलम कर दिया गया था.

फ़ैसल बिन मुसाइद कौन थे?

फ़ैसल बिन मुसाइद शाह फ़ैसल के सौतेले भाई मुसाइद बिन अब्दुल अज़ीज़ के बेटे थे.

फ़ैसल बिन मुसाइद का जन्म 4 अप्रैल, 1944 को हुआ था और 18 जून, 1975 को शाह फ़ैसल की हत्या के लिए उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई थी. और कुछ ही घंटों बाद रियाद के मुख्य चौक में भरे मजमे के सामने उनका सिर क़लम कर दिया गया था.

फ़ैसल मुसाइद के जीवन के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं लिखा गया है. फ़ैसल बिन मुसाइद शिक्षा प्राप्त करने के लिए अमेरिका गए, जहाँ उन्होंने सैन फ़्रैंसिस्को स्टेट कॉलेज में दाखिला लिया. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया और यूनिवर्सिटी ऑफ़ कोलोराडो में भी अध्ययन किया.

शाह फ़ैसल की हत्या के बाद शुरू में कहा गया था कि वह “मानसिक असंतुलन” से पीड़ित थे. हत्या के बाद, शाही कैबिनेट ने एक बयान में उन्हें औपचारिक रूप से “पागल” घोषित किया था. लेकिन डॉक्टरों ने जाँच के बाद सर्टिफिकेट दिया कि फ़ैसल बिन मुसाइद मानसिक रूप से बिल्कुल ठीक हैं.

उनके साथ नशीली दवाओं के मामले भी जोड़े जाते हैं और कहा जाता है कि एक बार जब वह सऊदी अरब वापस आए, तो उनका पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया गया था, क्योंकि वह विदेशों में सऊदी अरब को बदनाम कर रहे थे.