जगदलपुर, प्रमुख राजनैतिक दलों सहित आदिवासी नेताओं द्वारा बैलाडीला की पहाडिय़ों के खनन का कार्य निजी हाथों में सौंपने का विरोध शुरू हो गया है और इस संबंध में विरोध करने वाले नेताओं द्वारा कहा जा रहा है कि राज्य और केन्द्र सरकार गोपनीय तरीके से बैलाडीला को निजी हाथों में सौंप रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में एनएमडीसी द्वारा बैलाडीला के निक्षेप क्रमांक 13 के खनन के लिये निजी उद्यमियों से मिलकर खनन का कार्य करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसी को लेकर अंचल में विरोध की स्थिति बन रही है। इस संबंध में उल्लेखनीय है कि बैलाडीला की खदानों में खुदाई का ठेका निजी कंपनियों को देने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए दुबई सहित चार भारतीय कंपनियां जिनमें एक अडानी ग्रुप की कंपनी भी शामिल है, को इस काम के लिए आहूत किया गया है। इस खदान को निजी हाथों में सौंपने पर कोई भी कार्य किसी भी कीमत पर निजी हाथों में जाने नहीं दिया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि बैलाडीला की पहाडिय़ों पर खुदाई का काम अभी एनएमडीसी स्टेट मिनरल कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर कर रही है। एनएमडीसी को खनन के क्षेत्र में 50 साल का अनुभव है।
एनएमडीसी पब्लिक सेक्टर एक मात्र ऐसी कंपनी है जिसके पास खुदाई का इतना अनुभव है। नेताम का कहना है कि 50 साल के अनुभव वाली कंपनी को काम न देकर इसे निजी हाथों में देने के पीछे भाजपा की कोशिश में संदेह प्रकट हो रहा है। जब कि उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर इस काम के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। उन्होंने आरोप लगाए कि जिन चार कंपनियों को टेंडर के लिए बुलाया गया था उनमें से एक कंपनी को काम देने की योजना भी तैयार हो चुकी है।