केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार में बुधवार को बहुप्रतिक्षित फेरबदल होने जा रहा है. माना जा रहा है कि इस बार की टीम पहले से बहुत युवा होगी. साथ ही इसमें आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातिगत, क्षेत्रीय और सामुदायिक समीकरण भी साधा जाएगा. सूत्रों के अनुसार अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव, राजीव चंद्रशेखर और मीनाक्षी लेखी आज शपथ लेंगी. बता दें कैबिनेट विस्तार से पहले ही एक ओर जहां थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है तो वहीं श्रम मंत्री संतोष गंगवार, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और राज्य मंत्री रहीं देबाश्री की छुट्टी कर दी गई है. इन सबके बीच सूत्रों का दावा है कि मोदी कैबिनेट में अनुसूचित जाति के 12, 8 अनुसूचित जनजाति, 27 ओबीसी (यादव कुर्मी, दर्जी, जाट गुर्जर, खंडायत, भंडारी, बैरागी, ठाकुर, कोली वोक्कालिगा, तुलु गौड़ा, मल्लाह) मंत्री हो सकते हैं. इसमें एसटी 3 और एससी से 2 मंत्री कैबिनेट मिनिस्टर होंगे.
पूर्वोत्तर से मोदी सरकार में 5 मंत्री
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट में 5 अल्पसंख्यक मंत्री भी होंगे जिसमें 1 मुस्लिम, 1 सिख, 1 ईसाई और 2 बौद्ध शामिल हो सकते हैं. अन्य समुदायों के 29 मंत्री हो सकते हैं जिसमें ब्राह्मण, बनिया, भूमिहार, कायस्थ, लिंगायत, पटेल, मराठा और रेड्डी शामिल हैं. सूत्रों का दावा है कि मोदी सरकार में 11 महिला मंत्री हो सकती हैं जिसमें से 2 कैबिनेट में होंगी. सूत्र के अनुसार पूरी कैबिनेट की औसत आयु 58 साल है. मोदी सरकार में 50 साल से कम उम्र के 14 मंत्री होंगे जिसमें 6 कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे. इसके साथ ही पूर्वोत्तर से मोदी सरकार में 5 मंत्री हो सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार के मंत्रियों के अनुभव की बात करें तो 46 मंत्री ऐसे हैं जिनके पास केंद्रीय मंत्री होने का अनुभव है वहीं 23 मंत्री ऐसे हैं जो 3 या अधिक बार सांसद रहे चुके हैं. इसके साथ ही 4 पूर्व सीएम, राज्य सरकारों के 8 पूर्व मंत्री, 39 पूर्व विधायक भी इसमें शामिल हैं. दावा किया गया कि मंत्रिपरिषद में मोदी के साथियों में से 13 वकील, 6 डॉक्टर, 5 इंजीनियर, 7 ब्यूरोक्रेट रह चुके हैं. कैबिनेट में देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री होंगे.