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अफगानिस्तान में बुरी तरह से बिगड़े हालात, भारत सरकार ने लिया बड़ा फैसला

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काबुल: अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो की सेना की वापसी तेजी से हो रही है। इन सैनिकों की पूर्ण वापसी से पहले ही तालिबान ने अपनी हिंसक गतिविधियां बढ़ा दी हैं जिस कारण अफगानिस्तान के बाद हालात बुरी तरह से खराब हो गए हैं। टोलो न्यूज के मुताबिक करीब 60 जिलों पर तालिबान अभी तक कब्जा जमा चुका है। आशंका जताई जा रही है कि 400 जिलों वाले अफगानिस्तान में अगले एक से दो महीने में तालिबान कब्जा कर सकता है और राजधानी काबुल पर नियंत्रण जमा सकता है। इसके साथ ही सरकार का गढ़ कहे जाने वाले कांधार प्रांत के कुछ जिलों पर भी तालिबान ने अपना नियंत्रण जमा लिया है, जिसके बाद अब भारत सरकार ने अफगानिस्तान को लेकर बड़ा फैसला लिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक एक हजार से ज्यादा अफगान सैनिक भागकर ताकिस्तान जा चुके हैं, वहीं रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान से भारी संख्या में लोगों का पलायन होना शुरू हो चुका है। ऐसे में भारत सरकार लगातार बेहद करीब से स्थिति पर नजर रख रही है और रिपोर्ट है कि भारत सरकार अफनागानिस्तान से भारतीय लोगों को बाहर निकालने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने का फैसला ले लिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान के कई हिस्सों में तालिबान बेहद आक्रामक अंदाज में कब्जे जमा रहा है। वहीं, अफगानिस्तान की मीडिया टोलो न्यूज ने दावा किया है कि तालिबान के खिलाफ कई प्रांतों में स्थानीय लोगों ने भी हथियार उठा लिए हैं। ऐसे में भारत सरकार के बड़े सूत्रों ने कहा है कि ”अफगानिस्तान के काबुल, कंधार और मजार शरीफ में मौजूद अपने नागरिकों और स्टाफ समेत दूसरे भारतीय कर्मचारियों को बाहर निकालने की कोशिश में है।” रिपोर्ट के मुताबिक ”अफगानिस्तान के शहरों के अलावा भीतरी इलाकों में स्थिति काफी खराब हो चुकी है और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए दूतावासों और भारत सरकार के वाणिज्यिक ऑफिसों का संचालन काफी मुश्किल हो गया है।”

करीब 50 हजार से ज्यादा अफगान नागरिक देश छोड़कर जाना चाहते हैं। अमेरिकी सेना की मदद करने वाले अनुवादकों सहित अन्य अफगानिस्तानियों के पड़ोसी देशों में शरण लेने की प्लानिंग है। इसमें अमेरिका मदद कर रहा है। मध्य एशिया के तीन देशों- कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान से इस मामले पर बातचीत चल रही है । बता दें कि अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बीच अमेरिकी सेना ने करीब 20 साल के बाद बगराम एयरफील्ड को छोड़ दिया है, जो कभी तालिबान को उखाड़ फेंकने के लिए हुए युद्ध और अमेरिका पर 9/11 में हुए आतकंवादी हमले के जिम्मेदार अल-कायदा के साजिशकर्ताओं की धर-पकड़ के लिए सेना का केंद्र रहा था।