छत्तीसगढ़ में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक कक्षाओं में शिक्षक बनने के लिए अब एक ही बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (CG-TET) को पास करना होगा। TET का प्रमाण पत्र अब आजीवन मान्य रहेगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने इस परीक्षा के लिए 10 साल पहले बने नियम को निरस्त कर दिया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव एआर खान ने शनिवार देर शाम शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र की व्यवस्था संबंधी नया आदेश जारी कर दिया। इसके मुताबिक शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र की मान्यता अब आजीवन रहेगी। यह आदेश 2011 से अब तक हुई सभी परीक्षाओं के प्रमाणपत्र पर लागू होगा। इस बीच जिन लोगों के प्रमाणपत्र की वैधता खत्म हो चुकी है, विभाग जल्दी ही उन्हें नया प्रमाणपत्र जारी करेगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए 2011 में बनी मार्गदर्शिका के मुताबिक यह प्रमाणपत्र 7 वर्षों के लिए ही मान्य था। इस बीच अगर व्यक्ति कहीं शिक्षक नियुक्त नहीं हो पाया तो उसे दोबारा इस परीक्षा को पास करना होता था। छत्तीसगढ़ में अभी तक तीन बार 2011, 2014, 2016, 2017, और 2019 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हो पाया है। यह परीक्षा व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने आयोजित की थीं। नई व्यवस्था से ऐसे 90 हजार से अधिक लोगों को फायदा होगा जिनके प्रमाणपत्र इस वर्ष तक अमान्य हो गये थे।
पहली परीक्षा पास करने वालों को अधिक मौका नहीं मिला
बताया गया, शिक्षक पात्रता परीक्षा पहली बार वर्ष 2011 में आयोजित हुई थी। उसमें पहली टीईटी का आयोजन किया गया था। जिसमें 77 हजार से अधिक उम्मीदवार सफल हुए थे। इनमें प्राइमरी स्तर के 51 हजार 662 और पूर्व माध्यमिक स्तर के 25 हजार 882 अभ्यर्थी थे। यह परीक्षा तो हो गई लेकिन 2018 तक सरकार ने केवल एक बार कुछ हजार शिक्षा कर्मियों की भर्ती हो पाई थी। 2018 में इनके प्रमाणपत्र के सात साल पूरे हो गए और वह अमान्य हो गया।
अभी तक 1.51 लाख के पास प्रमाणपत्र
शिक्षा विभाग के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में छत्तीसगढ़ में पांच बार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित हुई है। इसमें कुल एक लाख 51 हजार 586 लोग पास हुए। उन्हें प्रमाणपत्र जारी हुए हैं। नई व्यवस्था लागू होने के बाद इन युवाओं को शिक्षक बनने के लिए एक ही परीक्षा बार-बार देने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
इस वजह से हो रहा है बदलाव
दरअसल शिक्षक पात्रता परीक्षा पद्धति और नियमावली में बदलाव की कवायद लंबे समय से चल रही थी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में बदलाव को लेकर रुपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। तीन जून को केंद्रीय मानव संशाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के ्प्रमाणपत्रों की वैधता आजीवन करने की घोषणा की। बताया गया, यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नवीन प्रावधानों के तहत किया जा रहा है। उसके बाद राज्य सरकारों ने भी अपने नियमों में बदलाव किया है।