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जानिए कोरोना की इस सुनामी में कौन-कौन से देश भारत की मदद कर रहे हैं

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देश में जानलेवा कोरोना वायरस की सुनामी आ गई है. राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत हो रही है. वहीं, कई मरीज अस्पतालों में बेड्स की किल्लत से भी जूझ रहे हैं. मुश्किल की इस घड़ी में अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई और सिंगापुर जैसे कई देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं. वहीं, विदेशों में मौजूद कई गैर सरकारी संगठन भी सरकार की मदद कर रहे हैं.

अमेरिका

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई में भारत को आपातकालीन सहायता मुहैया कराने के साथ ही कोविशील्ड टीके के भारतीय निर्माता को तत्काल कच्चा माल उपलब्ध कराने को लेकर दिन-रात काम कर रहा है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान और उनके भारतीय समकक्ष अजित डोभाल के बीच फोन पर हुई वार्ता के बाद अमेरिका की ओर से यह निर्णय लिया गया है. वहीं, अमेरिका ने भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को हर संभव जरूरी मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है.

सऊदी अरब से लाई जा रही ऑक्सीजन

सऊदी अरब से 80 मीट्रिक टन जीवन रक्षक गैस लायी जा रही है. ऑक्सीजन को भेजने का काम अडानी समूह और लिंडे कंपनी के सहयोग से हो रहा है. रियाद स्थित भारतीय मिशन ने ट्वीट किया, ‘‘ भारतीय दूतावास को अति आवश्यक 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन भेजने के मामले में अडानी समूह और एम/एस लिंडे के साथ साझेदारी करने पर गर्व है. हम हृदय से सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय को सभी तरह की मदद, समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं.’’

ब्रिटेन वेंटिलेटर जैसे मेडिकल उपकरण भेज रहा

ब्रिटेन ने रविवार को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन संकेंद्रक समेत अन्य जीवन-रक्षक चिकित्सा उपकरण भेजने की घोषणा की. दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने में सहायता के लिए 600 मेडिकल उपकरण भारत भेजे जाएंगे. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘ कोरोना वायरस से लड़ाई के इस कठिन समय में हम मित्र एवं साझेदार की तरह भारत के साथ खड़े हैं.’

जर्मनी ‘सहायता मिशन’ की तैयारी कर रहा

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि उनकी सरकार भारत के लिए तत्काल ‘सहायता मिशन’ की तैयारी कर ही है. एक संदेश में मर्केल ने कहा कि महामारी की इस लड़ाई में जर्मनी पूरी एकजुटता से भारत के साथ खड़ा है. मर्केल ने कहा, ‘ हमारे समुदायों के लिए एक बार फिर कोरोना वायरस ने जो परेशानी उत्पन्न की है, उसमें मैं भारत के लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करना चाहती हूं. जर्मनी पूरी एकजुटता से भारत के साथ खड़ा है.’

भारत की मदद के लिए काम कर रहायूरोपीय संघ

यूरोपीय संघ (ईयू) ने कहा कि वह कोरोना वायरस से लड़ने में भारत की तेजी से मदद के लिए संसाधन जुटा रहा है. इस 27 देशों के शक्तिशाली समूह के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईयू ने पहले ही अपनी नागरिक रक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया है ताकि भारत को तत्काल ऑक्सीजन और दवा आपूर्ति सहित अन्य मदद की जा सके. ईयू भारत के लोगों के साथ ‘पूरी एकजुटता’ के साथ खड़ा है.

सिंगापुर से आ रहे क्रायोजेनिक आक्सीजन कंटेनर

भारत कोरोना वायरस के खिलाफ जारी अपनी लड़ाई में दुनियाभर से जितने संभव हो सकें उतने क्रायोजेनिक आक्सीजन कंटेनर प्राप्त करना चाहता है. भारत सरकार ने सिंगापुर से चार कंटेनरों को हवाई मार्ग से देश में पहुंचाया है. इन कंटेनरों को भारतीय वायु सेना के विमानों से शनिवार को भारत पहुंचाया गया. इन कंटेनरों का इस्तेमाल आक्सीजन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिये किया जायेगा. सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त पी कुमारन ने कहा कि आने वाले दिनों में इस प्रकार के और कंटेनर भारत को भेजे जा सकते हैं. ‘‘हम दुनिया के किसी भी हिस्से से अधिक से अधिक क्रायोजेनिक आक्सीजन कंटेनरों को पाने का प्रयास कर रहे हैं. ’’

भूटान से ऑक्सीजन का आयात

असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य सरकार ने पड़ोसी देश भूटान से ऑक्सीजन आयात करने के प्रबंध किये हैं. भूटान में नया ऑक्सीजन संयंत्र लगाया जा रहा है. सरमा ने कहा कि रेमडेसिविर की कमी नहीं होगी, क्योंकि उन्होंने दवा निर्माता सन फार्मा से उसके पलासबाड़ी संयंत्र में इसका उत्पादन बढ़ाकर 80 हजार शीशी प्रति सप्ताह करने का अनुरोध किया है.

पाकिस्तान

पाकिस्तान ने कोरोना वायरस की घातक लहर से लड़ने में मदद देने के लिए भारत को वेंटिलेटर समेत अन्य राहत सामग्रियां उपलब्ध कराने की पेशकश की है और कहा कि दोनों देश वैश्विक महामारी के कारण उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए आगे सहयोग के संभावित तरीकों की संभावनाएं तलाश सकते हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, “हमें मानवता के सामने आई इस वैश्विक चुनौती से मिलकर लड़ना होगा.”

अफगानिस्तान ने भी दिखाई एकजुटता

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित की. गनी ने ट्वीट किया, ‘ हम कोविड महामारी से लड़ रहे भारतीय नागरिकों और सरकार के साथ खड़े हैं. अफगान सरकार और नागरिकों की तरफ से हम इस महामारी में जान गंवाने वालों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं. साथ ही संक्रमित लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं.’

चीन

चीन सरकार ने कहा है कि सरकार और चीनी जनता भारत सरकार और भारतीय लोगों के महामारी मुकाबला कार्य का दृढ़ समर्थन करती हैं. चीन भारत की आवश्यकता के मुताबिक मदद देने को तैयार है. चीन को विश्वास है कि भारतीय जनता यथाशीघ्र ही महामारी को पराजित कर सकेगी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिच्येन ने 23 अप्रैल को भारत में महामारी की स्थिति के बिगड़ने पर भारत को सद्भावना प्रकट की थी.

ये संगठन भी कर रहे भारत की मदद

सेवा इंटरनेशनल USA ने भी बढ़ाया मदद का हाथ

भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन ‘सेवा इंटरनेशनल यूएसए’ ने भारत के लिए 50 लाख डॉलर चंदा जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से दो दिन के भीतर 15 लाख डॉलर पहले ही एकत्र कर लिए गए हैं. संगठन ने कहा कि वह भारत को तत्काल 400 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ ही अन्य आपातकालीन चिकित्सा उपकरण और आपूर्तियों की शुरुआती खेप भेज रहा है. संगठन ने कहा कि उसने भारतीय अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ‘हेल्प इंडिया डिफीट कोरोना वायरस’ अभियान की शुरुआत की है. सेवा देश के करीब 10,000 परिवारों को और 1,000 अनाथों और वरिष्ठ नागरिकों को भोजन और दवाएं मुहैया करा रहा है.

अमेरिकी व्यापार समूह USISPF भी कर रहा मदद

यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक एण्ड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) नामक इस व्यापार समूह ने भारत के लिए एक लाख हल्के आक्सीजन संकेन्द्रक का आर्डर दिया है. वह नई दिल्ली और अन्य शहरों के लिये विमान से आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने पर काम कर रहा है. समूह के अध्यक्ष एवं सीईओ मुकेश अघी ने कहा, ‘‘महामारी से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिये हर मोर्चे पर एकजुट प्रयास करने की जरूरत है. यह समय है जब व्यापपक आवश्यकतायें हैं और चारों तरफ से संसाधन जुटाने की आवश्यकता है.’’

गौरतलब है कि देश में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर भारत ने ‘ऑक्सीजन मैत्री’ ऑपरेशन के तहत ऑक्सीजन कंटेनर और ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त करने के लिए विभिन्न देशों से संपर्क किया है.