नई दिल्ली-लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 2004 के पार्सल वैन में कल शनिवार को आग लगने का मामला सामने आया था. पार्सल वैन में लगी आग की घटना की जांच के लिए अब रेलवे ने तीन स्तरीय टास्क फोर्स गठित की है.
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के सीनियर डीएससी (कोऑर्ड) के नेतृत्व में इस मामले की जांच करने के लिए 3 टास्क टीमें गठित की गई हैं जोकि अलग-अलग स्तर पर आग से जुड़े हर मामले की बारीकी से जांच करेंगी.
बताते चलें कि कल नई दिल्ली-लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस के गाजियाबाद स्टेशन पर पहुंचने पर सुबह 6:45 पर पार्सल वैन में आग लगने की सूचना मिली थी. हालांकि ट्रेन में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली थी. घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के आला अफसर भी मौके पर पहुंच गए थे और ट्रेन के पार्सल वैन को हटाकर ट्रेन को सुबह 8:20 पर गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया था.
वहीं, अब रेलवे ने इस मामले की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित कर तेजी से जांच करनी शुरू कर दी है. बताया जाता है कि जिन 3 टीमों को गठित किया गया है उनमें एक गाजियाबाद स्टेशन की जगह, दूसरी नई दिल्ली पार्सल कार्यालय के लोडिंग पॉइंट पर और तीसरी टीम साक्ष्य कलेक्ट करने, पूछताछ और गिरफ्तारी के लिए गठित की गई हैं.
जानकारी के मुताबिक इस मामले में पता चला है कि अभी तक कई लाल तारकोल आइटम यानी एसिड आधारित बैटरी की वस्तुएं, ब्लूटूथ, बिजली के स्रोत से ज्वलनशील वस्तुओं, मोबाइल क्लीनर के लिए यूज होने वाला लिक्विड आदि को घटनास्थल से एकत्रित किया गया है.
इस दौरान पता चला है कि एक लोडिंग पार्टी के मैनेजर जिसका नाम ज्ञानेंद्र पांडे है, उन्होंने माल लोडिंग करते हुए गलत जानकारी देकर ज्वलनशील वस्तुओं को ट्रेन में लोड कराया था. वहीं, ज्ञानेंद्र पांडे को आरपीएफ पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है.
पूछताछ में आरोपी ज्ञानेंद्र पांडे ने इन सभी गलतियों को स्वीकार किया है. वहीं उन्होंने अन्य बयानों में पुष्टि भी की है और अपनी बुक की गई ज्वलनशील वस्तुओं की पहचान कर ली है. जिनको रेलवे पुलिस जब्त कर चुकी है.
बताया जाता है कि आरोपी ज्ञानेंद्र पांडे पुत्र त्रिवेणी प्रसाद पांडे के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153, 163 और 164 के तहत ट्रेन में यात्रियों की जान को खतरे में डालने, ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ लोडिंग कराने और गलत जानकारी देने के मामले में अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
आरपीएफ की ओर से सभी नमूने एकत्रित कर लिए गए हैं और उनको सुरक्षित रखा गया है. साथ ही आरपीएफ ने एफएसएल गाजियाबाद (FSL Ghaziabad) से संपर्क कर इसकी रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया है. वहीं आरपीएफ सभी पहलुओं को गंभीरता से लेते हुये मामले में आगे की जांच कर रही है.