राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गैंदाटोला थाना मे पदस्थ आरक्षक ने मानसिक तनाव के चलते अपने इंसास राइफल से गोलीमारकर आत्महत्या कर ली फिलहाल कारण अज्ञात है ।
पूरे प्रदेश में जवानो की आत्महत्या की खबरे लगातार आने के बाद आज फिर एक राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से पुलिस प्रशासन के लिए दिल दहलाने वाली खबर आई जब पाटन थाना ऊतई ग्राम गाडाढीड मे रहने वाले 43 वर्षीय संदीप सिंह राठौर ने देश की सेवा करने की मन मे ठानी और जिला पुलिस में आरक्षक पद पर ज्वाईनिंग 1998 मे किया और 2017 मे राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गैंदाटोला थाना मे पदस्थ रहते हुए और अपनी सेवा दे रहा था, लेकिन अपनी माता के देहांत के बाद संदीप 3 दिन की छुट्टी लेने के बाद 40 दिनो से बिना बताए थाने से गायब रहा । लौटने के बाद संदीप सिंह आमद के लिए थाने का चक्कर काटता रहा लेकिन ज्वाईनिंग नही होने के चलते काफी परेशान था । और बीती रात थाना के पीछे क्वाटर के पास जाकर एक सूने मकान मे जाकर इंसास बंदूक से सीने मे गोलीमार आत्महत्या कर लिया। वही घटना स्थल से आरक्षक संदीप सिंह राठौर का शव और 4 खाली कारतूस बरामद किया है। लेकिन प्रश्न यह भी उठ रहा है की जब संदीप को टीआई ने आमद नहीं दिया तो फिर आमद के बगैर सुनील के पास नक्सल प्रभावित क्षेत्र और वो भी अति संवेदनशील में ऑटोमैटिक वैपन कैसे आ गया ।इस मामले में SDOP का कहना है कि राइफल उसके साथी का था,यह कैसे संभव है ,जबकि एक भी गोली चलती है तो उसका हिसाब देना पड़ता है । बहरहाल पूरी जानकारी वरिष्ठ अधिकारी ही दे पाएंगे ,उनके मोबाइल कव्हरेज से बाहर बता रहे हैं । जांच का विषय है उसके बाद ही पूरी बात सामने आएगी ।